लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सेंट्रम होटल में आयोजित 72वें नेशनल टाउन एंड कंट्री प्लानर कॉन्फ्रेंस का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
कॉन्फ्रेंस को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुये मुख्य सचिव ने जलवायु परिवर्तन और स्थानिक नियोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह विषय वर्तमान समय में शहरी नियोजन के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। बाढ़, हीट-वेव, बदलते मौसम आदि ने जलवायु परिवर्तन के बहुत सारे प्रभावों की तरफ सभी का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने शहरी नियोजन की प्रक्रिया में इनके प्रभावों को कम करने पर विशेष बल दिया।
प्रधानमंत्री जी के द्वारा ग्लासगों में आयोजित कॉप-21 में दिए गए अभिभाषण का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि भारत ने 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उम्मीद है भारत इस लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त करेगा। ऊर्जा, निर्माण, परिवहन आदि सेक्टर जो जलवायु को सर्वाधिक प्रभावित करते हैं, उन सभी सेक्टरों में बहुतेरे परिवर्तन हो रहे हैं। आज प्रदेश में 700 से ज्यादा ई-बसों का संचालन हो रहा है, आने वाले इन बसों की संख्या 2000 होगी। बड़े-बड़े सोलर पार्क बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम मोहनजोदड़ों, हड़प्पा, नालंदा जैसी अपनी पुरातन सभ्यता से शिक्षा ले सकते हैं, जो निवास के दृष्टिकोण से जलवायु के प्रति संवेदनशील थीं। इस शताब्दी के मध्य तक शहरी आबादी दोगुनी होने की उम्मीद है। प्लानिंग के बिना शहरों का विकास संभव नहीं है। शहरी क्षेत्रों के डिजाइन और विकास में टाउन प्लानर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। नगरों को जलवायु के दृष्टिकोण से सस्टेनेबल बनाने एवं उनके पुनर्विकास के लिए एक्शन प्लान बनाने में नगर नियोजकों को थिंक टैंक के रूप में कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि टाउन प्लानिंग में शहरी क्षेत्रों में रेट्रो फिटिंग और पुनर्विकास में शहरों में हरित स्थानों को बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है। शहरों की योजना ऊर्जा और नदी के प्रति संवेदनशील होनी चाहिए। प्लानिंग में शहरों को वाटर सिक्योर सिटी बनाने और जल स्तर तथा हरित क्षेत्र बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिये। ऐसी प्लानिंग करें कि हमारी नदियां लोगों के लिये कूड़ा फेंकने के स्थान पर मनोरंजन व सामुदायिक गतिविधियों का केन्द्र बनें।
उन्होंने आईटीपीआई को 72 साल पूरा करने और 73वें वर्ष में प्रवेश करने के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत देश विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है। इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स, इंडिया (आईटीपीआई) को अमृत काल में टाउन प्लानिंग के बारे में नई सोच, नई टेक्नोलॉजी को देश में लाने का प्रयास करना चाहिये।