विजेताओं में सर्वाधिक बंदी उत्तर प्रदेश राज्य से
लखनऊः मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जिला कारागार, लखनऊ में आयोजित तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स 2024 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उन्होंने 23 कैदियों और 3 जेल कर्मचारियों को तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स 2024 से सम्मानित किया। 23 कैदियों में से 13 सजायाफ्ता और 10 विचाराधीन कैदी हैं।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने अवार्ड से सम्मानित बंदियों व अन्य कर्मियों को बधाई दी और प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन एवं तिनका-तिनका फाउंडेशन द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है। इस अवार्ड ने प्रतिभाशाली व्यक्तियों को एक मंच प्रदान किया है, जिससे उनकी कला सबके सामने आ सके।
इससे पूर्व, उन्होंने वीडियो वॉल, महिला अस्पताल के क्रेच आदि का भ्रमण किया तथा कैदियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों का अवलोकन किया। इस अवसर पर विचाराधीन कैदी आनंद सिंह ने मुख्य सचिव की पेंटिंग मुख्य सचिव को भेंट की।
इस साल अवॉर्ड के लिए चार श्रेणियां थीं- पेंटिंग, स्पेशल मेंशन, बंदिनी और जेल स्टाफ। इन चार श्रेणियों में कुल 26 विजेता हैं। इन विजेताओं में 23 बंदी और 3 जेल कर्मचारी हैं। 23 कैदियों में से 13 सजायाफ्ता हैं और 10 विचाराधीन हैं। पेंटिंग विजेताओं में 11 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं। इस साल पेंटिंग का विषय ‘जेल में मुलाकात’ था। तिनका तिनका बंदिनी पुरस्कार के तहत इस साल तिहाड़ जेल 6 में बंद एक विदेशी नागरिक (जाम्बिया, दक्षिण अफ्रीका) को भी सम्मानित किया गया। इस साल विजेताओं में सबसे ज्यादा बंदी उत्तर प्रदेश राज्य के हैं। चार श्रेणियों में यूपी के 7 बंदियों ने अवॉर्ड हासिल किया है। इस बार स्पेशल मेंशन अवॉर्ड उस बंदी को दिया गया है, जो डॉक्टर (बीएमएचएस) के साथ टीचर (बीएड) है, वहीं, 3 जेल कर्मचारियों को भी उनके सराहनीय प्रयासों के लिए सम्मानित किया जा रहा है, जिनमें से 2 महिलाएं हैं।
इस साल जूरी के सदस्य पूर्व जेल महानिदेशक दिल्ली श्री अजय कश्यप, आईपीएस (सेवानिवृत्त), पूर्व जेल महानिदेशक हरियाणा के. सेल्वराज, आईपीएस (सेवानिवृत्त), तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा थीं।
गुजरात की अहमदाबाद केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे प्रजापति हार्दिक राजेंद्रभाई को स्पेशल मेंशन अवॉर्ड से नवाजा गया है। उन्होंने अपनी जेल में शिक्षा का क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। प्रजापति हार्दिक राजेंद्रभाई ने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए 100 अन्य कैदियों को शिक्षित किया। 2022 से 2024 के बीच 54 कैदी सफलतापूर्वक परीक्षा पास कर चुके हैं। अकेले 2024 में, 16 कैदियों ने 10वीं और 18 कैदियों ने 12वीं की परीक्षा 100% सफलता के साथ उत्तीर्ण की, उनकी अथक मेहनत के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है।
2019 से हरियाणा की करनाल जिला जेल में बंद अशोक कुमार को भी स्पेशल मेंशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने तिनका जेल रेडियो के माध्यम से अशिक्षित कैदियों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया और शिक्षित कैदियों को उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर करने का प्रयास किया है।
तिनका तिनका बंदिनी अवॉर्ड पुरस्कार महिला कैदियों को समर्पित है, जिन्होंने जेल जीवन में सार्थक योगदान दिया है। इस श्रेणी में दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश से कुल 3 विजेता हैं. इनमें 2 विचाराधीन और 1 सजायाफ्ता हैं।
जाम्बिया देश की मूल रूप से निवासी मॉरीन क्यान्यांगा 2021 से तिहाड़ जेल-6 में विचाराधीन कैदी हैं, उन्हें तिनका तिनका बंदिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अपने पति हम्फ्री क्यान्यांगा के निधन के बाद उन्होंने अन्य कैदियों को अवसाद से बाहर आने में मदद की। हिंदी सीखने की उनकी उत्सुकता उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है।
सफीना हसन (वॉर्डर) साल 2006 से छत्तीसगढ़ के रायपुर केंद्रीय जेल में एक समर्पित महिला प्रहरी के रूप में कार्य कर रही हैं। पिछले 18 वर्षों में उन्होंने कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेषकर उन्होंने जरूरतमंदों को तत्काल चिकित्सा सहायता और अस्पताल में भर्ती करवाने का काम किया। उन्होंने महिला कैदियों के लिए नियमित योग सत्र, कानूनी सहायता और साक्षरता शिविर आयोजित किए। लोक अदालत सत्रों के दौरान उन्होंने कैदियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा, जेल में रहने वाले बच्चों को आश्रम स्कूलों में दाखिला दिलाया और उन्हें आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई. उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं अनिल गर्ग, पुलिस महानिदेशक कारागार पी0वी0रामा शास्त्री, तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा सहित कारागार प्रशासन के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।