मुख्यमंत्री ने रिजर्व पुलिस लाइन्स,लखनऊ में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह आज स्वयं वृन्दावन, मथुरा की पावनधरा से होकर आ रहे हैं। वृन्दावन, मथुरा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के सहभागी बने। आज से 05 हजार वर्ष पहले श्रीकृष्ण ने वृन्दावन, मथुरा की धराधाम पर अवतरित होकर विश्व मानवता को निष्काम कर्म की प्रेरणा दी थी। उन्होने कहा कि ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥’ गीता का यह श्लोक एक मंत्र के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। जिसने भी इस मंत्र को अंगीकार किया, उसका उद्धार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की 05 हजार वर्षाें की विरासत एक धरोहर के रूप में विद्यमान है। इस अध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने के लिए पूरे देश व प्रदेश की जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को भव्यता के साथ मना रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री डी0एस0 चौहान ने मुख्यमंत्री जी को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा व अंगवस्त्र भेंट किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)संदीप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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