सूप दऊरी की खरीददारी में जुटी महिलाएं, नहाय खाय के साथ 5 नवम्बर से शुरू होगी छठ पूजा

Spread the love

दुद्धी, सोनभद्र। इस वर्ष सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा 5 नवम्बर से शुरू हो रहा है। छठ पूजा को लेकर महिलाओं ने छठ पूजा में लगने वाली सामग्री की खरीददारी में जुट गई हैं। रविवार को दुद्धी बाजार में सूप, दऊरी, ढकनी, दीया आदि की खरीददारी करने में महिलाएं जुटी रही। इस साल सूप 100 से 150 रूपये प्रति नग तथा दऊरी 200 से 300 रूपये प्रति नग, ढकनी 20 से 40 रूपये प्रति नग जबकि दीया 10 से 12 रूपये प्रति दर्जन की बिक रहा है।

बिहार सहित भारत के कई राज्यों में छठ पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है। पंचाग के अनुसार छठ पूजा का यह पावन पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है। यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है। छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं। छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है, लेकिन यह पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।

पहला दिन नहाय खाय – 

इसका पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है। इस साल नहाय-खाय का दिन 5 नवंबर दिन मंगलवार को है। 

दूसरे दिन खरना-

खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है।इस दिन महिलाएं दिन भर व्रत रहती हैं और शाम को नदियों, सरोवरों के आसपास अपनी बेदी बनाती हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर देर शाम घर लौट जाती हैं  घर पर मीठा भोजन करने का प्रावधान है।खरना इस साल 6 नवंबर दिन बुधवार को है। 

तीसरा दिन संध्या अर्घ्य व थाला पर रात्रि जागरण 

छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है। इस दिन व्रती घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।इसके बाद थाला पर बैठ कर रातभर छठी मईया की पूजा की जाती हैं।इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 7 नवंबर दिन गुरुवार को दिया जाएगा।

चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ पारन – 

चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण का होता है। इस साल 8 नवंबर दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.