राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग में 16 नवंबर, 2024 को ‘उद्योगों में उभरती चुनौतियों पर समस्या समाधान मानसिकता का विकास’ विषय पर व्यावसायिक वार्ता आयोजित की गई। सत्र की अध्यक्षता महाप्रबंधक (आंतरिक लेखा परीक्षा), पी के महाराणा ने की। आईआईटी गुवाहाटी टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के सीनियर फेलो प्रो. पार्थ दासगुप्ता अतिथि वक्ता थे। सत्र में विभागाध्यक्षों सहित ई5 से ई7 ग्रेड के बीच के 50 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रेरक अतिथि वक्ता ने “फ्री-फ्लो ज़ोन” बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया, जहाँ ज़िम्मेदारियाँ किसी के नियत कार्य के साथ सहजता से संरेखित होती हैं। वक्ता ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी कौशल अंतर को पाटने और ज़िम्मेदारियों के सुचारू निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए, व्यक्तियों को समस्या समाधान मानसिकता विकसित करनी चाहिए। सत्र के दौरान साझा किए गए प्रमुख सिद्धांतों में प्राकृतिक पूर्वाग्रहों पर काबू पाने के लिए उत्सुक होना, अनिश्चितताओं को गले लगाने के लिए अपूर्णतावादी दृष्टिकोण अपनाना और स्पष्टता और बेहतर पूर्वानुमान के लिए विविध दृष्टिकोणों को संश्लेषित करने के लिए “ड्रैगनफ्लाई-आई” परिप्रेक्ष्य का लाभ उठाना शामिल था। इसके अलावा, वक्ता ने “घटित व्यवहार” की अवधारणा पेश की, प्रतिभागियों को नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से डेटा बनाने और मौजूदा परिकल्पनाओं को चुनौती देने के लिए प्रोत्साहित किया। निर्णय लेने में सामूहिक बुद्धिमत्ता की शक्ति और “दिखाओ और बताओ” के सिद्धांत में निहित स्पष्ट संचार के महत्व पर भी बल दिया गया। इन अंतर्दृष्टि का उद्देश्य नेताओं को उनकी समस्या-समाधान प्रक्रियाओं में अनुकूलनशीलता, सहयोग और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों से लैस करना था।
प्रारंभ में, सहायक महाप्रबंधक (आंतरिक लेखा परीक्षा) आशीष कुमार ने सभा का स्वागत किया और कार्यक्रम का समन्वय किया, जबकि श्री महाराणा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया ।