सोनभद्र, सिंगरौली/एनटीपीसी विंध्य चिकित्सालय द्वारा बोन मिनरल डेंसिटी(बीएमडी) शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि परियोजना प्रमुख(विंध्याचल) ई सत्य फणि कुमार एवं अध्यक्षा सुहासिनी संघ श्रीमती सरोजा फणि कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ विशेषज्ञ नेत्र (विंध्य चिकित्सालय) डॉ. वर्तिका कुलश्रेष्ठ द्वारा इस शिविर के महत्व के बारे में सभी को अवगत कराया गया। साथ ही वरिष्ठ विशेषज्ञ(विंध्य चिकित्सालय) डॉ. दीपक डे द्वारा ऑस्टियोपोरोसिस पर एक प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया। जिसमें उन्होनें ऑस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण, निदान, इलाज और बचाव के बारे में सभी को जागरूक किया साथ ही उन्होनें बताया कि हड्डियों का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस कहलाता है। इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही उन्होनें यह भी बताया कि बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) टेस्ट हड्डियों की मजबूती की जांच के लिए करवाया जाता है। इस टेस्ट के जरिये ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री (डेक्सा) मशीन की मदद से हड्डियों के घनत्व यानी डेंसिटी को परखा जाता हैसाथ ही हड्डियों की कमजोरी की वजह का पता लगाया जाता है। इस शिविर का आयोजन डॉ. बीसी चतुर्वेदी के नेतृत्व में किया गया, जिसमें लगभग 250 से अधिक लोगों का परीक्षण किया गया।
इस अवसर पर महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), राजेश भारद्वाज, उपाध्यक्षा, सुहासिनी संघ श्रीमती सुभा भारद्वाज, मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. बी सी चतुर्वेदी, सभी महाप्रबंधकगण, अपर महाप्रबंधकगण, सुहासिनी संघ की वरिष्ठ पदाधिकारीगण, एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना के विभागाध्यक्ष, यूनियन/एसोसिएशन के प्रतिनिधि एवं चिकित्सालय, विंध्यनगर के सभी डाक्टर्स के साथ-साथ अन्य कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे ।