चंदौली / जिले के नौगढ़ तहसील में बिजली विभाग ने एक बार फिर अपनी अनोखी “कारस्तानी” से सभी को हैरान कर दिया। सेमरा गांव के जटाधारी के घर में सिर्फ एक बल्ब जलता है, लेकिन बिजली विभाग की दया से उनके नाम पर ₹1715 का बिल थमा दिया। अब जटाधारी बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं, पर “बल्ब की रोशनी” से उनकी समस्या का समाधान फिलहाल होता नहीं दिख रहा।
*”बल्ब नहीं, बिजली विभाग का जादू जलता है”*
जटाधारी ने बताया कि माह अक्टूबर में उनका बिजली बिल ₹328 आया था, जो उन्होंने जमा भी कर दिया। लेकिन जब नवंबर का बिल देखा, तो ऐसा लगा मानो उनके घर में कोई फैक्ट्री चल रही हो। नवंबर का बिल ₹1715 देखकर उनके होश उड़ गए। जटाधारी का सवाल है, “एक बल्ब जलाने का इतना भारी बिल कैसे आ सकता है?”
थक-हारकर जटाधारी शनिवार को तहसील पहुंचे और तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने अपनी जमा की गई रसीद और पुराने बिल दिखाए। तहसीलदार सतीश कुमार सिंह ने मामले की जांच कराने और बिल को संशोधित करने का भरोसा दिया है।
“*रोशनी” से अंधेरा फैलाने की तैयारी?*
इस घटना ने बिजली विभाग के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग इसे बिजली विभाग की “वसूली योजना” का हिस्सा मान रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर एक बल्ब का ₹1700 का बिल है, तो बिजली का खंभा लगवाने पर शायद लाखों का बिल आ जाए!”एक ग्रामीण ने चुटकी लेते हुए कहा, लगता है बिजली विभाग ने बल्ब को ऐसी समझ लिया है।
जटाधारी अब बिजली विभाग के दफ्तर और तहसील के बीच भागदौड़ कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक यह बिल ठीक नहीं होता, उन्हें चैन नहीं मिलेगा। सवाल यह भी है कि क्या बिजली विभाग अपनी गलती मानेगा या इसे “तकनीकी खामी” बताकर पल्ला झाड़ लेगा? अब देखना यह है कि बिजली विभाग इस गलती को कब और कैसे सुधरता है, या फिर जटाधारी को इसी बल्ब के लिए और दौड़ लगानी पड़ेगी।