नौगढ़। उत्तर प्रदेश वन विभाग की ओर से एक नई पहल की जा रही है, जिसके तहत यूपी और बिहार के बॉर्डर पर ‘मित्र वन’ स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना का शुभारंभ बिहार सरकार के मंत्री द्वारा किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को संरक्षित करना है, बल्कि दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच संवाद बढ़ेगा और बॉर्डर पर वन क्षेत्र में होने वाले अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के अंतर्गत चकिया रेंज के लतीफ शाह में (मित्र वन) तीन हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार की प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। यह कदम दोनों राज्यों के वनस्पतियों के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मित्र वन स्थापित होने से दोनों राज्यों के अधिकारियों बीच परस्पर संवाद बढ़ेगा और एक मित्रता का प्रतीक बनेगा।
वन विभाग ने पहले भी नगर वन, शक्ति वन, और नंदन वन जैसी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक विकसित किया है, जो धरती को हरा-भरा बनाने और लोगों को शुद्ध एवं स्वच्छ वातावरण मुहैया कराने में सफल रही हैं। अब इसी कड़ी में मित्र वन की योजना भी शामिल की गई है।
मित्र वन में उत्तर प्रदेश और बिहार की विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए दोनों राज्यों के वन अधिकारियों का परामर्श लिया जाएगा। इस परियोजना की निगरानी दोनों राज्यों के वन कर्मियों द्वारा की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पौधों का संरक्षण और विकास सही तरीके से हो।
मित्र वन परियोजना का उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण संरक्षण नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और राज्यों के बीच सौहार्द्र बढ़ाने का भी प्रतीक बनेगा। दोनों राज्यों की प्रजातियों के पौधे एक साथ रोपकर यह दिखाया जाएगा कि प्रकृति में कोई सीमाएँ नहीं होतीं। इसके साथ ही, यह परियोजना क्षेत्र के पर्यावरण और जलवायु को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी। इस पहल से न केवल उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर वन क्षेत्र में होने वाले अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह दोनों राज्यों के बीच मित्रता और सहयोग की नई मिसाल भी पेश करेगी।वन विभाग में प्रारंभिक चरण में 4800 पौधे रोकने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मित्र वन के लिए बिहार सरकार के मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।