डोली पर बिठा कर ले गए कहार
अहरौरा, मिर्जापुर/ सावन के दूसरे मंगलवार को गाजे बाजे के साथ मां भंडारी देवी को विदा कराने गए श्रद्धालुओं ने माता को उनके मायके राजा कर्ण पाल सिंह पहाड़ पर स्थित मंदिर से उनको विदा कराकर डोली में बिठाया फिर परंपरा गत रास्तों से होकर मां भंडारी देवी मन्दिर पर पहुंचे। बता दें की प्रत्येक तीसरे वर्ष मां भंडारी देवी अपने मायके से वापस अपने मन्दिर पर आती है यह परंपरा सैकड़ो वर्ष पुरानी बताई जाती हैं। मंगलवार को सुबह आठ बजे सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु दर्शनीया एव कहार अहरौरा डीह स्थित बाड़ू बाबा मंदिर पर इकट्ठा हुए वहा से फिर सभी लोग शियुर में स्थित राजा कर्ण सिंह की पहाड़ गए कहार राजन,प्रेम चंद्र, बबलू, रामसेवक, ने डोली तैयार किया।
फिर दर्शनीया सुक्खू बाबा ने हवन पूजन मनवना कर मां को डोली में बिठाया फिर कहार भंडारी मां का जयकारा लगाते हुए डोली लेकर चल पड़े।पीछे पीछे हजारों की संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालु भंडारी मां की जय हो का जयकारा लगाते हुए पीछे पीछे चल पड़े। बेलखरा , कटरा, सहित अन्य स्थानों पर मां की डोली रोककर जगह जगह पूजन अर्चन लोगों ने किया जयकारा लगाकर फिर वहा से विदा किया और मां अपने मन्दिर पहुंच गई।
फिर दर्शनीया ने मां को मन्दिर डोली से उतार कर बैठाया। इस अवसर पर पुजारी.जय प्रकाश पाण्डेय, अजय पाण्डेय , सहित जय मां भंडारी देवी समिति के अशोक अग्रहरी, विनय गुप्ता. शिशिर पाण्डेय. संदीप पाण्डेय विष्णु चौबे सहित मुरारी यादव आदि लोग उपस्थित रहे।