नई दिल्ली,/ कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने 11 जून, 2024 को होटल ली मेरिडियन, नई दिल्ली में स्टील सेक्टर के अपने मूल्यवान उपभोक्ताओं के साथ एक सम्मेलन एवं संवादात्मक परिचर्चा-सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्टील उद्योग के समक्ष चुनौतियों का समाधान करने के लिए कारोबारी प्रक्रियाओं को आसान बनाना (ease of doing business) तथा उद्योग से संबंधित नवीनतम विकास के बारे में जानकारी देना और चर्चा करना था।
स्टील सेक्टर के उपभोक्ताओं के लिए कोकिंग कोयले के लिंकेज को उदार बनाया गया है, जिसके तहत इस्पात संयंत्रों को मौजूदा और/अथवा बनने वाली नई कोकिंग कोल वाशरियों एवं किसी भी अन्य वाशरी उत्पाद उपभोग करने वाले प्लांटों जैसे सीपीपी, सीमेंट, टेक्सटाइल, पेपर आदि के साथ समय-सीमा में लचीलेपन के साथ-साथ कंसोर्टियम बनाने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य कोकिंग कोल आयात प्रतिस्थापन और “आत्मनिर्भर भारत” को बढ़ावा देना भी है।
इस कार्यक्रम में देश में सबसे अधिक कोकिंग कोयला उत्पादक के रूप में बीसीसीएल की महत्वर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। उल्लेखनीय है कि बीसीसीएल देश के कुल कोकिंग कोयला उत्पादन में 50% से अधिक योगदान के साथ भारत मे सर्वाधिक कोकिंग कोयला का उत्पादन करता है। इस दौरान देश के विकास और इस्पात क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को समर्थन देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बीसीसीएल ने कोयले की गुणवत्ता और संधारणीय प्रथाओं के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में आगामी ट्रांच-VII स्टील (कोकिंग) लिंकेज के ऑक्शन में कंपनियों के एशोसिएशन को लिंकेज ऑक्शन में बोली लगाने की अनुमति, कोकिंग कोल वाशरी की स्थापना के लिए समयसीमा में लचीलेपन के साथ ही कंपनियों के संघ को अवसर प्रदान करने, कोकिंग कोल आयात प्रतिस्थापन और कोयला गुणवत्ता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गयी।
कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय के अपर सचिव एम. नागराजू, कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (विपणन) मुकेश चौधरी और बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता के साथ-साथ बीसीसीएल से निदेशक (वित्त) राकेश कुमार सहाय, डीटी (ओपी) एस. के. सिंह, डीटी (पीएंडपी) एस. नागाचारी और जीएम (विपणन और बिक्री) हितेश वर्मा की उपस्थिति रही।
इस कार्यक्रम में देश भर की सभी प्रमुख इस्पात कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया, जिनमें सेल, आरआईएनएल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील, जेएसडब्ल्यू-भूषण पावर एंड स्टील, रश्मि मेटालिक्स, एनएमडीसी स्टील, सनफ्लैग स्टील, जय बालाजी इंडस्ट्रीज आदि जैसी प्रमुख फर्मों के प्रमुख हितधारक शामिल थे। भारतीय इस्पात संघ, अखिल भारतीय इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन, भारतीय खनिज उद्योग महासंघ, कोयला उपभोक्ता संघ आदि ने कई उद्यमियों के साथ भाग लिया, जो देश में आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा देने के लिए कोकिंग कोल वॉशरी स्थापित करने के इच्छुक हैं। विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने सीआईएल/बीसीसीएल की पहलों में व्यापक रुचि दिखाते हुए अपने विचार साझा किए।
कोयला मंत्रालय के अपर सचिव एम. नागराजू ने बीसीसीएल के रणनीतिक महत्व और देश मे कोकिंग कोयले आवश्यकता और बीसीसीएल की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।
बीसीसीएल के अध्यक्ष- सह- प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता ने कहा, “यह संवादात्मक सत्र इस्पात क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। हमारे प्रयास ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, और हम अपने उपभोक्ताओं को उच्चतम गुणवत्ता वाले कोकिंग कोल के साथ समर्थन देने के लिए समर्पित हैं।”
कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को सीधे सीआईएल और बीसीसीएल टीम के विपणन और विक्रय विभाग से जुड़ने और भविष्य के सहयोग पर अंतर्दृष्टि साझा करने का अवसर मिला। यह विशेष कार्यक्रम अत्यधिक सफल रहा, और सभी प्रतिभागियों ने भविष्य में इसके सकारात्मक परिणामों की आशा व्यक्त की। उपरोक्त परिचर्चा की जानकारी बीसीसीएल के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा दी गई ।