वाराणसी । आज आनंद पार्क, दुर्गाकुंड स्थित एक पार्क में ट्रांसजेंडर डे ऑफ रिमेम्ब्रेंस के (ट्रांसजेंडर स्मरण दिवस) अवसर पर बनारस क्वीयर प्राइड की ओर से सभा का आयोजन किया गया |
सभा का आयोजन ट्रांसजेंडर, क्वीयर और सहयोगी नागरिकों के बीच में किया गया | क्वीयर ट्रांसजेंडर नागरिकों को सशक्त और जागरूक करने और ट्रांसजेंडर स्मरण में उन लोगों को याद किया जा सके, भारत में पिछले दो सालों में जिनकी हत्या इस पितृसत्तात्मक समाज ने ट्रांसजेंडर विरोधी घृणा या पूर्वाग्रह के कारण हुई उनको याद करने के उद्देश्य से ये सभा को आयोजित किया गया |
1- प्रांशु यादव 16 वर्षीय एक स्वशिक्षित समलैंगिक बालक ने 21 नवंबर, मंगलवार को आत्महत्या कर ली। इसके मौत कारण मेकअप से संबंधित पोस्ट शेयर करता था पितृसत्तात्मक समाज इतना ज्यादा बुरा बुरा कमेंट किया इन्होंने आत्महत्या कर लिया।
2- अविंशु एक नेल आर्टिस्ट थे, जो बैंगलोर में फैमिली से दूर रहते थे फैमिली सपोर्ट करती थी मगर सोसाइटी के नफरत को झेल नहीं पाए और 2018 में आत्महत्या कर ली।
3- आर्वी मल्होत्रा ने आत्महत्या का कदम अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और व्यक्तिगत संघर्षों के कारण उठाया।
4- प्रवीण नाथ 2023 केरल के पहले ट्रांस जेंडर बॉडी बिल्डर बने, वैलेंटाइन डे पर प्रवीण ने अपनी किन्नर साथी से शादी की थी। मानसिक रूप से तनावपूर्ण थे। और जहर खा कर आत्महत्या कर ली।
5- शंशाक हिमाचल क्वीयर फाउंडेशन के अध्यक्ष थे इन्होंने हिमाचल प्रदेश के साथ साथ 3 सालों में पूरे देश में अपने काम नंबर 1 पर पहुंचाया मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होने पर उन्होंने आत्महत्या कर ली।
6- उत्कर्ष क्वीयर व्यक्ति होने की वजह से अपने आप और समाज से बहुत परेशान होकर 2024 में आत्महत्या
कार्यशाला को संबोधित करते हुए संस्था की ओर से नीति ने ट्रांसजेंडर डे ऑफ रिमेम्ब्रेंस के आयोजन के विषय में विस्तार से बताया |ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए हिंसा झेलने और अपनी जान की कुर्बानी देनेवालों की स्मृति में दुनिया भर में हर साल 20 नवंबर को रिमेम्ब्रेन्स डे मनाया जाता है । 1999 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई । ट्रांसजेंडर रीटा हेस्टर की हत्या 1998 में मैसाचूसट्स में हुई थी । रीटा अमेरिकन-अफ्रीकन महिला थीं और वह ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की मुखर आवाज थीं।
भारत की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की संख्या 4,87,803 है । ये लोग खुद को ‘पुरुष’ या ‘महिला’ के तौर पर नहीं, ‘अन्य’ के तौर पर आइडेंटिफाई करते हैं। ट्रांस व्यक्तियों के शोषण और उनपर होने वाले अत्याचार के ढेरों केसेज हैं जो की सामने आ भी नहीं पाते है | इस हिंसा शोषण और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए जज्बा जुटाने के दिन के रूप में रिमेम्ब्रेंस डे को यंहा बनारस में भी मनाया जा रहा है |
ट्रांसजेंडर नागरिको की समस्या पर बात रखते हुए साहिल खान ने बताया की किसी बहुत सम्पन्न पैसे वाले घर मे भी कोई एक सदस्य बीमार पड़ा हो तो क्या उस परिवार में कोई खुश रह सकता है ? हमारा समाज भी एक बड़ा परिवार है। जब इस परिवार के एक हिस्से ट्रान्सजेंडर नागरिको को लगातार मजाक उपेक्षा घृणा और हिंसा का शिकार बनाया जाता रहेगा तो समाज खुशहाल और संपन्न कैसे होगा ? ट्रान्सजेंडर नागरिक स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बैंक, पोस्टऑफिस, रेलवे, बस, हवाई जहाज आदि में क्या आपको नौकरी करते हुए दिखते हैं ? ट्रान्सजेंडर नागरिकों का क्या अपराध है जो उन्हें समाज के मुख्यधारा से वंचित रखा गया है ?
विधिक पक्ष बताते हुए तानिया ने कहा कि संविधान कहता है कि सभी नागरिक समान हैं। परन्तु लगातार सरकारी या गैर सरकारी स्थानों पर थर्ड जेंडर या तीसरा लिंग शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है जो गैर बराबरी को संबोधित करता है संविधान में 72 साल से कहा जा रहा है कि लिंग, जाति, धर्म, नस्ल, रंग रूप के आधार पर किसी से कोई भेदभाव नही किया जा सकता है। ट्रांसजेंडर ऐक्ट 2020 कहता है सरकारी और प्राइवेट सभी तरह के जगहों पर ट्रान्सजेंडर नागरिकों को भी समान अवसर उपलब्ध होंगे। किसी भी तरह का भेदभाव नही होगा | सबके पहचान पत्र बनेंगे और साथ ही नौकरी रोजगार शिक्षा स्वास्थ आदि तक पंहुच सुनिश्चित होगी | सरकारी और प्राइवेट सभी संस्थानों में ट्रांसजेंडर नागरिको को अवसर की समानता रहेगी | किसी तरह के उत्पीडन की स्थिति में जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस महानिदेशक के प्रभार में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल काम कर रही होगी जो प्रभावित की सुरक्षा चिकित्सा और अन्य विधिक न्यायिक उपचार मिले ये सुनिश्चित कर रही होगी | इन सब कोशिशो को और बेहतर तरीके से जमीन पर उतारा जाए और ट्रांसजेंडर नागरिको को संविधान प्रदत्त अधिकार मिल सके इस लिए हम सबको मिलकर काम करने की जरूरत है |
आज के इस कार्यकम का संचालन हेतवी ने किया, विषय प्रवेश अनुराग ने किया और प्राइड के आगामी योजनाओं को बताते हुए आर्या ने धन्यवाद ज्ञापन किया | कार्यशाला में प्रमुख रूप से नीति, आर्या, अनामिका, तानिया, श्रेया, अनुराग, साहिल, सैम, इकबाल, हेतवी और चंद्रमलिका आदि 20लोग शामिल रहे |