अटल जी ने अस्थिरता के दौर से गुजर रही भारत की राजनीति को स्थिरता में बदलने का कार्य किया-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयन्ती सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री ने लोक भवन स्थित अटल जी की प्रतिमा के सम्मुख रखे उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

मुख्यमंत्री ने पं0 मदन मोहन मालवीय जी की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी एक कवि, लेखक, पत्रकार तथा संवेदनशील जनप्रतिनिधि थे। श्रद्धेय अटल जी ने देश की विदेश नीति को प्रभावी ढंग से तथा प्रखरता के साथ वैश्विक मंच पर रखा था। उन्होंने नेतृत्व देकर देश को अस्थिरता के दौर से उबारा था। वे भारत की राजनीति को स्थिरता प्रदान करने तथा पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के प्रतीक पुरुष भी थे। प्रधानमंत्री के रूप में श्रद्धेय अटल जी ने अपने 06 वर्षों के यशस्वी कार्यकाल में गरीब कल्याण, शासन-प्रशासन में शुचिता व पारदर्शिता की व्यवस्था बनाने, भारत को दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न बनाने तथा भारत की बुनियादी संरचना के विकास के लिए कार्ययोजनाओं को प्रभावी ढंग से रखा था। भारत के 100 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए उन्होंने कार्य किये थे।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन के सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयन्ती सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम में श्रद्धेय अटल जी की कविताओं का गान किया गया। अटल आवासीय विद्यालय तथा अटल जी के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। श्री गजेन्द्र सोलंकी ने श्रद्धेय अटल जी पर आधारित कविता का पाठ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पावन जयन्ती है। पूरा देश अटल जी के जन्मदिवस को सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है। आज ही महान शिक्षाविद् तथा समाजसेवी पं0 मदन मोहन मालवीय जी की भी पावन जयन्ती है। पं0 मदन मोहन मालवीय जी ने समाज तथा राष्ट्रीय जीवन में तथा शिक्षा के क्षेत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय जैसी प्रतिष्ठित संस्था देकर देश में सांस्कृतिक चेतना को जागृत किया। मुख्यमंत्री जी ने श्रद्धेय अटल जी तथा पं0 मदन मोहन मालवीय जी की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने सदैव मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दी। एक सर्वमान्य नेता के रूप में देश व दुनिया में उनकी स्वीकार्यता थी। सभी श्रद्धा व सम्मान के साथ उनका स्मरण आज भी करते हैं। तत्कालीन सरकारें श्रद्धेय अटल जी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी सम्मान देती थीं। वैश्विक मंच पर भारत के सामने कोई संकट आने पर देश का नेतृत्व करने के लिए उन्हें दुनिया में भेजा जाता था। देश के समक्ष संकट के समय श्रद्धेय अटल जी पक्ष व विपक्ष के भेदभाव को समाप्त करते हुए सरकार के साथ खड़े होते थे। वे कहते थे कि हमारे लिए दल के हित से महत्वपूर्ण देश का हित है। वर्ष 1971 के युद्ध में श्रद्धेय अटल जी ने विपक्षी दल के प्रमुख नेता के रूप में देशहित में तत्कालीन कांग्रेस सरकार का समर्थन किया था। वहीं वर्ष 1977 में लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने जनता पार्टी में भारतीय जनसंघ के विलय में भी कोई संकोच नहीं किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने मूल्यों और आदर्शों को ध्यान में रखते हुए परस्पर समन्वय और संवाद की राजनीति को प्राथमिकता दी। उन्होंने अस्थिरता के दौर से गुजर रही भारत की राजनीति को स्थिरता में बदलने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि अपने-अपने स्तर पर एक बड़े क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और लोगों को नेतृत्व देते हैं। हमें ध्यान रखना होगा कि हमारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को प्राप्त हो। शासन की कार्ययोजना व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बनती है, बल्कि जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा से ऊपर उठकर हर गरीब, किसान, नौजवान, महिला तथा समाज के दबे, कुचले और आर्थिक रूप से वंचित लोगों के उत्थान के लिए योजनाएं बनती हैं। इन योजनाओं का लाभ उन्हें प्राप्त हो, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इन्हीं प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धेय अटल जी की स्मृतियों को आगे बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठायें हैं। यह लोक भवन मुख्यमंत्री कार्यालय भी है। यहां श्रद्धेय अटल जी की 25 फीट ऊंची प्रतिमा को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रद्धेय अटल जी एक महामानव के रूप में अवतरित हुए थे। उनके मार्ग दर्शन में देश ने अपना गौरव पुनः स्थापित किया था। अटल जी का पूरा जीवन भारत माता के प्रति समर्पित था। उन्होंने हिन्दी और भारत माता को दुनिया के पटल पर पहुुंचाने का कार्य किया। अटल जी की प्रेरणा से मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग हेमन्त राव, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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