वाराणसी । उदय प्रताप कॉलेज में स्थित छोटी मस्जिद को लेकर २९ नवम्बर को उत्पन्न तनाव की स्थिति से चिंतित होकर शहर के नागरिक समाज के कुछ लोगों ने बैठक की और शहर में सांप्रदायिक सद्भाव की अपील की| ३ दिसंबर को नव रचना स्कूल, गिलट बाज़ार में साझा संस्कृति द्वारा आयोजित इस बैठक में प्रकरण की विस्तार से समीक्षा की गयी| मंच इस तथ को जानता है कि सन १९०८ में राजर्षि उदय प्रताप जूदेव द्वारा स्थापित इस कॉलेज का पूरा परिसर एंडोवमेंट एक्ट के अंतर्गत प्रामाणित है तथा इस पर किसी और धार्मिक या सामाजिक संगठन दावा नहीं कर सकता है|
२०१८ को वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज प्रशासन को एक पत्र भेजा गया था जिसका प्रत्युत्तर देते हुए कॉलेज प्रशासन ने वक्फ बोर्ड से उनके दावा का प्रमाण माँगा गया और उसका जवाब आज तक नहीं मिला है| स्पष्ट है कि वक्फ बोर्ड के पास न कोई प्रमाण है और इस समय न कोई दावा है| लेकिन वर्त्तमान में शान्ति पूर्ण वातावरण को बिगाड़ने के उद्देश्य से कुछ अवांछनीय तत्वों द्वारा ६ साल पूर्व लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए इस अप्रासंगिक मुद्दे को उठाया जा रहा है और यह अफवाह फैलाया जा रहा है कि पूरा यू.पी. कॉलेज परिसर पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है| इस तरह अफवाह फैलाकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने के प्रयास को साझा संस्कृति मंच निंदा करता है|
मंच यह अपील करता है कि-
१. जिला प्रशासन सारे कागजातों का अध्ययन करके कॉलेज परिसर पर किसका मालिकाना हक़ है यह स्पष्ट करें।
२. कॉलेज परिसर में पठन पाठन को सबसे अधिक महत्त्व दिया जाय। छात्रों को शान्ति पूर्ण ढंग से पढने का अवसर दिया जाय।
३. जब तक शान्ति की बहाली नहीं होती, तब तक यथास्थिति बनाए रखें, और किसी भी प्रकार के नए धार्मिक कार्यक्रम आयोजित न किया जाय, किसी भी प्रकार की भीड़ या उपद्रवी तत्व को कॉलेज परिसर और आसपास में एकत्रित होने न दिया जाय| ४. हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के धर्म गुरु अपने अपने धर्म के अनुयायिओं से शान्ति की अपील करें| सर्वधर्म समभाव का सम्मान हो और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए निरंतर प्रयास किया जाय। ५. सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से किसी प्रकार के अफवाह और दुष्प्रचार पर नियंत्रण हो | ६. शहर के ज़िम्मेदार नागरिक, विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग और जिला प्रशासन शांति बहाली केलिए संवाद की बैठकें करें। ७. उदय प्रताप कालेज परिसर में उपद्रव की भूमका बनाने वाले बाहरी लोग हैं जिनकी गतिविधियों पर अंकुश लगना जरूरी है.।
साझा संस्कृति मंच शहर के ज़िम्मेदार लोगों के साथ बैठकें करके शान्ति बहाली के लिए अपनी तरफ से प्रयास करेगा । आज की बैठक में डॉ. रामसुधार सिंह, जागृति राही, डॉ. अनूप श्रमिक, डॉ. धनंजय त्रिपाठी, अमिनुदीन सिद्दीकी, फैसल इकबाल, वल्लभ , मिथिलेश दुबे, फादर आनंद, एडवोकेट अबू हाशिम आदि उपस्थित थे।