नौगढ़ । ग्राम्या संस्थान के तत्वावधान में आयोजित महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा अभियान के तहत सोमवार को विकास खंड नौगढ़ के सभागार में ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिला हिंसा, लिंग आधारित भेदभाव और छेड़छाड़ जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा की गई।
संस्थान की कोऑर्डिनेटर नीतू सिंह ने समाज की रूढ़िवादी सोच पर करारा प्रहार करते हुए कहा, “ना पति को भगवान मानिए और ना ही महिलाओं को देवी।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं,” यह कहावत अब खोखली लगती है। उन्होंने कहा कि आज घरों में महिलाओं की पूजा जूतों और लातों से हो रही है। उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा, “हमें देवी नहीं बनना है, बल्कि काली और चंडी बनकर सम्मान से जीना है।”
महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में ग्राम्या संस्थान के सुरेंद्र ने बताया कि नौगढ़ के विभिन्न गांवों में रैली, बैठक, पपेट शो और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महिला हिंसा और लिंग भेद के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। महिला कांस्टेबल सरिता ने महिलाओं और किशोरियों को 1090 वूमेन पावर लाइन और 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन के उपयोग की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई मनचला परेशान करे, अश्लील हरकत करे या मोबाइल पर गलत संदेश भेजे, तो उसकी शिकायत जरूर करें।
“*हर समस्या 1090 नहीं”*
पंचायत लौवारी कला के प्रधान यशवंत सिंह यादव ने पारिवारिक संबंधों पर अपनी बात रखते हुए कहा, “पति-पति रहें और पत्नी-पत्नी। हर समस्या के लिए 1090 का सहारा न लें, लेकिन यदि पति हिंसा करे या सुधारने की कोशिश न करे, तो हेल्पलाइन की मदद जरूर लें।”
खंड विकास अधिकारी अमित कुमार ने कहा, “महिला हिंसा केवल नौगढ़ की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है।” उन्होंने पेंशन, आवास और शौचालय जैसी समस्याओं पर चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि पात्र लोगों को इन सुविधाओं से वंचित नहीं रखा जाएगा। पुलिस क्षेत्राधिकारी कृष्ण मुरारी शर्मा ने महिलाओं को 1090 (महिला हेल्पलाइन), 181 (महिला कल्याण), और 1930 (साइबर क्राइम) जैसे टोल-फ्री नंबरों के उपयोग के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बढ़ते साइबर ठगी के मामलों को रोकने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी। इस अवसर पर अनुराधा, अंजलि, सुमन, किरण, रीता, सुषमा, राजेश, मन्नू, रामविलास, अजमेरी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीतू सिंह ने बखूबी किया।
कार्यक्रम ने महिलाओं को सशक्त बनने और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।