हिजाब के बहाने सरकार और देश को कमजोर करने की कोशिश : अन्नपूर्णा भारती

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प्रयागराज। [ मनोज पांडेय ]अखिल भारत हिन्दूमहासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारतीय (डॉ पूजा शकुन पाण्डेय) ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन अलीगढ़ को दिया।उसमें उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता कानून बनाकर लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में कुछ सांप्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी ताकतें समान नागरिक संहिता कानून ना होने पर धर्म के आधार पर गैरजरूरी मांग कर देश को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। जिससे देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो रहीं है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का अर्थ पंथनिरपेक्ष कानून होता है जो सभी पंथ के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है।अलग-अलग पंथो के लिए अलग-अलग सिविल कानून ना होना ही समान नागरिक संहिता की मूल भावना है। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग के लिए कानून में एक समानता से देश में एकता बढ़ेगी जिसमें देश में तेजी से विकास होगा, लेकिन खेद का विषय है कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व में मुस्लिम महिलाओं के लिए तलाक के बाद भरण पोषण के कानून जो कि शाहबानो वाले मामले में दिया गया था पूर्व की कांग्रेस सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया एवं समान नागरिक संहिता लाने के न्यायपालिका के उद्देश्य को विफल कर दिया। अभी कुछ धर्मों के पर्सनल लॉ बोर्ड में महिलाओं अधिकार सीमित है। महिलाओं को अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार एवं गोद लेने जैसे मामलों में एक समान नियम लागू होने चाहिए। धार्मिक रूढ़ियों की वजह से समाज के एक वर्ग के अधिकारों का हनन होना उचित नहीं है। 
उन्होंने कहा कि अभी कर्नाटक राज्य में स्कूलों में अपने-अपने धर्म के अनुसार परिधान पहनने का मामला गर्म है तथा मुस्लिम धर्म के छात्रों छात्राओं द्वारा हिजाब पहनकर स्कूल में आने की ज़िद पर अड़ी है, जबकि कर्नाटक में स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किया गया है जो कि सभी वर्गों के लिए समान है। कुछ धार्मिक कट्टरपंथी मुस्लिम छात्राओं को उकसा कर इस मामले को हवा दे रहे हैं। समान नागरिक संहिता कानून ना होने से ये कट्टरपंथी अपने धर्म के अनुसार स्कूलों में नियम लागू करवाना चाहते हैं। आज हिजाब मांग रहे हैं, कल यह मस्जिद भी मांगेंगे। इसी तरह पूर्व में वायु सेना के एक अधिकारी ने भी अपनी मजहबी दाढ़ी-बढ़ाकर सेना में नौकरी करनी चाही जिसे वायु सेना ने निकाल दिया और वह उसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी वायु सेना के ड्रेस कोड को उचित माना और उसे तत्काल वायु सेना के नियम मानने को वाद्य किया। अखिल भारत हिंदू महासभा मांग करती है कि देश में समान नागरिक संहिता कानून संसद के वर्तमान सत्र में पारित कराकर उसे पूरे देश में लागू किया जाए। देश के सभी स्कूलों में एक ड्रेस कोड बनवाया जाए जो कि धर्म पर आधारित ना होकर समानता का प्रतीक हो धार्मिक स्कूलों संस्कृत विद्यालय एवं गुरुकुल आदि को छूट दी जाए। स्कूलों में ड्रेस पहनकर न आने के मामले में सजा का भी प्रावधान रखा जाए। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह आर्य, जिला उपाध्यक्ष प्रशांत उपाध्याय, मंडल उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, ओज के वरिष्ठ कवि वेद प्रकाश मणि, राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पाण्डेय सहित कार्यालय प्रमुख अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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