सोनभद्र के डोंगिया जलाशय पर घाट बनाने के लिए 4.14 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत

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पर्यटक सुविधायें विकसित करने के लिए शुरूआती दौर में 01 करोड़ रूपये की धनराशि जारी-जयवीर सिंह 

लखनऊ: जनपद सोनभद्र के पीपरी में स्थित डोंगिया जलाशय को ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 4.14 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। जिसके सापेक्ष 01 करोड़ रूपये की धनराशि विभिन्न कार्यों के लिए जारी की गयी है। इस धनराशि से डोंगिया जलाशय पर घाट और अन्य पर्यटक सुविधायें विकसित की जायेंगी। पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध जनपद सोनभद्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए विभिन्न पर्यटन विकास कार्य कराये जा रहे हैं। इसी कड़ी में डोंगिया जलाशय के सौन्दर्यीकरण एवं अन्य सुविधायें विकसित करने का निर्णय लिया गया है। 

यह जानकारी आज प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद सोनभद्र अपने मनोरम दृश्यों, हरियाली एवं प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है। इस जनपद की सीमायें 04 राज्यों को छूती हैं। इनमें छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड और मध्य प्रदेश शामिल हैं। सोनांचल और ऊर्जांचल के नाम से विख्यात इस जिले की तुलना स्वीटजरलैंड से की गयी है। राज्य सरकार इस जनपद को पर्यटन का हब बनाने के लिए प्रयासरत है। 

पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वाराणसी घरेलू पर्यटकों की पहली पसंद है। यहां वर्ष 2022 में सात करोड़ 12 लाख 31 हजार पर्यटक आए थे। इसमें 83 हजार 741 विदेश से आने वाले पर्यटक थे। काशी विश्वनाथ कारिडोर बनने के बाद बहुत तेजी से पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। वाराणसी के आसपास बहुत से ऐसे धार्मिक, ऐतिहासिक और ईको पर्यटन स्थल हैं, जिसकी लोगों को या तो जानकारी नहीं है या तो बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इसलिए पर्यटन विभाग प्राथमिकता के तौर पर पड़ोसी जिलों के पर्यटन स्थलों का विकास कर रहा है। 

श्री सिंह ने बताया कि सोनभद्र जिला वाराणसी से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित हैं। यहां पहाड़, जंगल, नदियां, झरने आदि है। प्रकृति के अनोखे उपहार की वजह से लोग इसे मिनी गोवा के नाम से भी पुकारते हैं। जिला मुख्यालय से करीब 72 किलोमीटर दूर पिपरी नगर पंचायत में डोंगिया जलाशय है। यहां जिला प्रशासन की ओर से बोटिंग शुरू कराई गई है। प्रतिदिन भ्रमण के लिए ढाई से तीन सौ लोग आते हैं। इसमें कुछ विदेशी पर्यटक भी होते हैं। पर्यटन विभाग इस स्थान को ईको पर्यटन के रूप में विकसित करेगा। इसमें डोंगिया जलाशय पर 50 मीटर तक घाट का विकास किया जाएगा। इसके अलावा गजिबो, बेंच, प्रकाश व्यवस्था समेत अन्य कार्य कराए जाएंगे।

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