दल ने कहा कि अमोनिया रिसाव वाली पाइपलाइन में असामान्यताएं ‘खतरनाक स्तर से काफी नीचे’ थीं और उन्हें तुरंत शून्य पर लाया गया। समिति ने अमोनिया पाइपलाइन की परिचालन स्थिति के लिए कंपनी द्वारा किए गए सुरक्षा परीक्षण पर गौर किया और एक प्रमाणित निरीक्षण एजेंसी से बाहरी प्रमाणीकरण प्राप्त किया।
कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड की चेन्नई स्थित उर्वरक विनिर्माण इकाई में अमोनिया सुरक्षा प्रणालियां किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए काफी ‘मजबूत’ हैं और बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणालियों से सुसज्जित पाइपलाइन का नियमित निरीक्षण किया जाता है। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा नियुक्त एक उच्चस्तरीय तकनीकी दल (समिति) ने 27 दिसंबर को अमोनिया प्रबंधन प्रणाली का विस्तृत निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस दल में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईआईटी शिक्षाविद् और पर्यावरण एजेंसियों के विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल थे। इससे पहले उत्तरी चेन्नई के एन्नोर में स्थित कंपनी की उर्वरक विनिर्माण इकाई से अमोनिया गैस का रिसाव हुआ था।
हाल ही में इकाई में अमोनिया गैस रिसाव के बाद कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुरुगप्पा समूह की फर्म के काकीनाडा और विशाखापत्तनम में भी ऐसे ही उर्वरक संयंत्र हैं। बयान के अनुसार, “जांच दल ने कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा की गई आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्रवाइयों को मंजूरी दे दी है और जरूरी निरीक्षण करने और अमोनिया पाइपलाइन और तंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद परिचालन फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।
गैस रिसाव के कारण कथित तौर पर प्रभावित होने वाले पड़ोसी इलाकों के निवासियों की स्थिति पर कंपनी ने कहा, “जिन पड़ोस के समुदायों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया था, उन्हें छुट्टी दे दी गई है और वे खतरे में नहीं हैं।”दल ने कहा कि अमोनिया रिसाव वाली पाइपलाइन में असामान्यताएं ‘खतरनाक स्तर से काफी नीचे’ थीं और उन्हें तुरंत शून्य पर लाया गया।