सोनभद्र/सिंगरौली।एनटीपीसी-विंध्याचल परियोजना के मानव संसाधन-राजभाषा अनुभाग द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन के अंतर्गत परियोजना में साहित्यिक वातावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समय-समय पर साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में दिनांक 20.12.2023 को परियोजना के उमंग भवन सभागार मे अखिल भारतीय कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजित कवि-सम्मेलन में उपस्थित कवियों द्वारा हास्य-व्यंग्य एवं वीर-रस तथा आधुनिक राजनीति के विभिन्न विषयों पर तीखे व्यंग्य-बाण चलाकर उपस्थित दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य-अतिथि के रूप में परियोजना प्रमुख(विंध्याचल) ई सत्य फणि कुमार, अध्यक्षा सुहासिनी संघ सरोजा फणि कुमार मौजूद रही। साथ ही इस अवसर पर महाप्रबंधक(मानव संसाधन)प्रबीर कुमार बिस्वास, अन्य महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष/अनुभागाध्यक्ष, कमांडेंट, सीआईएसएफ पंकज बलियान, सुहासिनी संघ की अन्य पदाधिकारीगण, यूनियन/एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, सभी स्कूलों के प्राचार्यगण, मीडिया प्रतिनिधिगण, सभी कर्मचारी एवं उनके परिवारजन उपस्थित रहें।
इस कवि-सम्मेलन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे प्रतिष्ठित कवि एवं कवियत्रियों- अरुण जैमिनी, सरदार प्रताप फौजदार,कविता तिवारी,मुमताज़ नसीम एवं सुदीप भोला ने अपनी रोचक हास्य कविताओं एवं सुमधुर शृंगारिक रचनाओं से उपस्थित दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ द्वारा किया गया । तत्पश्चात मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर एनटीपीसी गीत के साथ कवि-सम्मेलन का विधिवत आरंभ किया गया ।इस अवसर पर अपने स्वागत उद्बोधन में परियोजना प्रमुख(विंध्याचल) ईसत्य फणि कुमार ने कार्यक्रम में पधारे अतिथिगण एवं कविगणों को विश्व कविता दिवस की हार्दिक बधाई देते हुये कहा कि सभी कवियों की रचनाएँ काफी सराहनीय हैं एवं इसे आगे बरकरार रखने हेतु नई पीढ़ियो के रचनाकारों को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके पश्चात उन्होनें अपने उद्बोधन में राजभाषा अनुभाग द्वारा किए गए इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए सभी कवियों के काव्य-पाठ को सराहा तथा आगे भी इस तरह का आयोजन किए जाने हेतु बल दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं उपस्थित अन्य अतिथियों द्वारा श्रीफल एवं शाल से सम्मानित भी किया गया। साथ ही राजभाषा नोडल अधिकारियों को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित भी किया गया।
कवि-सम्मेलन का संचालन जबलपुर से पधारे कवि श्री सुदीप भोला ने किया । कवि-सम्मेलन का आरंभ कवियत्री सुश्री कविता तिवारी ने सरस्वती वंदना के साथ किया । तत्पश्चात अलीगढ़ से पधारी कवियत्रि श्रीमती मुमताज़ नसीम ने अपनी शायराना अंदाज एवं श्र्रिंगारिक गीतों से सभी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया । दर्शकों द्वारा उनकी शृंगारिक रचनाओं पर करतल ध्वनि के साथ खूब सराहा । कवि श्री सुदीप भोला ने वर्तमान परिदृश्य के विभिन्न पहलुओं को व्यंग्य के माध्यम से दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। कवि सम्मेलन के अगले पड़ाव में हरियाणा से पधारे सुप्रसिद्ध कवि श्री अरुण जैमिनी ने अपने हास्य रचनाओं से सभी दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया । बीच-बीच मे कवियत्री एवं सुदीप भोला के मध्य हुई साहित्यिक नोक-झोंक ने वातावरण को और भी श्र्रिंगारिक एवं मनोरंजक बना दिया । दर्शकों ने दोनों के मध्य हुई साहित्यिक नोक-झोंक का भरपूर आनंद लिया एवं दोनों को करतल ध्वनि के साथ सराहा ।
तत्पश्चात वीर-रस की मशहूर कवियत्री सुश्री कविता तिवारी के माइक संभालते ही खचाखक दर्शकों से भरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा । सुश्री कविता ने अपनी प्रस्तुति से लोगों में देशभक्ति एवं स्वाभिमान का भाव पैदा कर दिया।
कवि-सम्मेलन के अंतिम सोपान पर जैसे ही मुंबई से पधारे लाफ्टर चैलेंज के सरदार प्रताप फौजदार ने माइक पकड़ा लोगों की करतल ध्वनि सभागार में गूंज उठी । प्रताप फौजदार ने अपने हास्य-व्यंग्य की कविताओं से आधुनिक परिवेश के विभिन्न पहलुओं पर व्यंगात्मक टिप्पणी एवं चुटकुलों के माध्यम से लोगों को गुदगुदाया और उनको ठहाके लगाने को मजबूर कर दिया । इस कवि सम्मेलन में उपस्थित दर्शकों ने भरपूर मनोरंजन किया और अपने सीटों पर लगातार बंधे रहे ।
कवि-सम्मेलन के समापन के अवसर पर वरिष्ठ प्रबन्धक (मानव संसाधन) श्रीमती कामना शर्मा ने आए हुए सभी अतिथियों एवं उपस्थित कवि एवं कवयित्रियों के साथ-साथ उपस्थित श्रोताओं के प्रति कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार प्रकट किया । इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन कार्यपालक (नैगम सम्प्रेषण एवं प्रभारी राजभाषा) सुश्री शिक्षा गुप्ता ने किया ।