लखनऊ: राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विभिन्न विकास परक व अन्य शासकीय योजनाओं को मुकम्मल अन्जाम देने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सतत् रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता संवर्धन हेतु तीन दिवसीय आवासीय “शी इज ए चेन्जमेकर” विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला ग्राम प्रधानों तथा नगर पंचायत की महिला सभासदों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
प्रशिक्षण सत्र के प्रथम दिवस पर राष्ट्रीय महिला आयोग भारत सरकार, नई दिल्ली से उप सचिव डॉ0 शिवानी डे, एस0आर0ओ0 तथा डॉ0 एस0एस0सेनापति, वरिष्ठ सलाहकार की गरिमामयी उपस्थिति में संस्थान के अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी द्वारा अपने अध्यक्षीय सम्बोधन मे ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद एवं नगर निगम में महिला प्रतिनिधित्व की भूमिका एवं व्यवहारिक स्थितियों पर विशेष रूप से एक प्रासंगिक व्याख्यान दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न यथोचित व उपयोगी विषयों यथा- 73/74 वां संविधान संशोधन एवं महिलाओं का सशक्तिकरण, स्थानीय नगरीय निकाय/पंचायती राज संस्थाओं की समग्र विकास में भूमिका, महिलाओं से सम्बन्धित नवीनतम विकास योजनाओं और कार्यक्रमों का परिचय, विभिन्न विकास परियोजनाओं में महिलाओं की भागीदारी एवं जेण्डर बजटिंग, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन एवं सम्बन्धित कानून पर चर्चा तथा जानकारी, निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों में नेतृत्व कौशल का विकास, निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों में संवाद कौशल एवं पब्लिक स्पीकिंग आर्ट का विकास तथा स्टेटस मैंनेजमेण्ट एवं व्यक्तित्व विकास इत्यादि विषयों पर प्रशिक्षण सत्रों के दौरान विभिन्न राज्य/राष्ट्रीय स्तरीय प्रबुद्ध वार्ताकारों व विषय विशेषज्ञों के माध्यम से महिला जनप्रतिनिधियों की क्षमता संवर्धन की गयी।
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्य स्तरीय प्रबुद्ध शिक्षाविद व पूर्व वरिष्ठ सदस्य लोक सेवा आयोग उ0प्र0 डॉ0 कृष्ण वीर सिंह शाक्य द्वारा महिला जन प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि हमारा संविधान एक पवित्र ग्रंथ के समान है। सभी को एक आदर्श जन प्रतिनिधि रहते हुए अपने उत्तदायित्वों एवं संवैधानिक कर्तव्यों का निष्ठा एवं ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करना है, साथ ही एक आदर्श महिला के रूप में अपने समाज व परिवार में, एक माता, बहन तथा आदर्श पत्नी का भी दायित्व निभाना है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबन्धन के दृष्टिगत प्रशिक्षण कार्यक्रम नियंत्रक अधिकारी सरिता गुप्ता, उप निदेशक संस्थान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभारी डॉ0 सीमा राठौर, सहायक निदेशक संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है तथा सहयोग की दृष्टि से डॉ0 अलका शर्मा, संकाय सदस्य, डॉ0 शिव बचन सिंह यादव, वरिष्ठ प्रशिक्षक, अनुज दूबे, कम्प्यूटर ऑपरेटर तथा मो0 शहंशाह, प्रचार सहायक का सराहनीय योगदान रहा है।