नौगढ़ , चन्दौली । नौगढ़ में एक चौंकाने वाली घटना ने सबको हैरान कर दिया। प्राइवेट चिकित्सक डॉक्टर सीडी सिंह ने जब अपने इनवर्टर को ठीक कराने की कोशिश की, तो ठगों ने उनका पूरा बैंक बैलेंस ही “डिस्चार्ज” कर दिया। डॉक्टर साहब ने कस्टमर केयर पर फोन किया था, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उनके पास एक फोन आया। कॉलर ने बड़े ही प्रोफेशनल अंदाज में खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताया और डॉक्टर को झांसा देना शुरू किया। पहले व्हाट्सएप पर इनवर्टर की रसीद मंगवाई, फिर वारंटी कार्ड की मांग की। जब डॉक्टर ने कहा कि उनके पास वारंटी कार्ड नहीं है, तो ठग ने कहा, “कोई बात नहीं, ₹49 देकर नया बन जाएगा। लिंक भेज रहा हूं। जैसे ही डॉक्टर ने वह लिंक खोला, उनके खाते से ₹40,000 गायब हो गए। डॉक्टर को मामला संदिग्ध लगा, लेकिन ठगों का खेल यहीं खत्म नहीं हुआ। रास्ते में बैंक जाते समय उनके खाते से दो बार और ट्रांजैक्शन हुए—₹45,000 और ₹40,000। इसके बाद भी ठग बाज नहीं आए। उन्होंने दोबारा कॉल कर डॉक्टर को दिलासा दिया कि सारा पैसा वापस आ जाएगा, लेकिन इसके लिए एक “छोटा सा” काम करना होगा। डॉक्टर से उनका दूसरा नंबर मांगा, यह कहकर कि उनका पहला नंबर काम नहीं कर रहा। जैसे ही डॉक्टर ने दूसरा नंबर दिया, दूसरे बैंक खाते से ₹2 लाख और उड़ गए।
डॉक्टर को ठगी का एहसास होते-होते ठग उनके अकाउंट से कुल ₹3.25 लाख साफ कर चुके थे। परेशान डॉक्टर ने तुरंत थाना नौगढ़ पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
*”डॉक्टर का इलाज ठगों ने कर दिया*”
यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। लोग हैरान हैं कि ठग किस तरह से भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें। याद रखें, “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!”
ठगी की यह घटना ना सिर्फ चेतावनी है, बल्कि यह दिखाती है कि किस तरह साइबर अपराधियों का जाल दिन-ब-दिन खतरनाक होता जा रहा है।