सेल, राउरकेला इस्पात सयंत्र द्वारा बंडामुंडा के डुमर्ता उच्च विद्यालय में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

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राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात सयंत्र (आरएसपी) ने अपनी सीएसआर पहल के तहत 23 अक्टूबर, 2024 को बिसरा ब्लॉक के बंडामुंडा के डुमर्ता उच्च विद्यालय में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ), डॉ. जयंत आचार्य ने स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ), डॉ. आर आर महंती, महाप्रबंधक प्रभारी (सीएसआर), सुश्री मुनमुन मित्रा, महाप्रबंधक (सीएसआर), बिभबासु मल्लिक और आरएसपी के सीएसआर विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। डुमर्ता हाई स्कूल के प्रधानाध्यापिका सुश्री एमरसिया केरकेट्टा ने अन्य स्थानीय सदस्यों के साथ स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में मदद और सहयोग दिया I

आईजीएच के डॉक्टरों की एक टीम ने ग्रामीणों की जाँच और उपचार में मदद की। इस शिविर से आस-पास के क्षेत्र के लगभग 240 रोगियों को लाभ मिला। डॉक्टर के पर्चे के अनुसार मरीजों को मुफ्त दवाइयाँ वितरित की गईं।

मरीजों की जाँच करने वाले आरएसपी के डॉक्टरों की टीम में डॉ. नीलकंठ साहू (मेडिसिन), डॉ. भारती (शिशु रोग), डॉ. प्रिया (ओ एंड जी), डॉ. अनिंदिता देवता (नेत्र रोग), डॉ. सत्य भारती (नेत्र रोग), डॉ. मनोज कुमार प्रधान (सर्जरी), डॉ. जितेंद्र कुमार (ई एन टी), डॉ. सत्यजीत साहू (त्वचा) और डॉ. रितुपर्णा सरकार (पल्मोनरी) शामिल थे। उन्हें फार्मासिस्ट लिंगराज प्रधान और बिरजा प्रसाद लेंका और सीएसआर समन्वयक श्री बी के महापात्र ने आवश्यक सहायता प्रदान की।

विभिन्न सीएसआर योजनाओं के अंतर्गत इस्पात जनरल अस्पताल में आगे के इलाज के लिए 39 रोगियों की पहचान की गई, जिनमें प्रोजेक्ट सुनयना के तहत मुफ्त नेत्र शल्य चिकित्सा, श्रवण संबंधी बीमारियों वाले लोगों के लिए चिकित्सा हस्तक्षेप के लिए प्रोजेक्ट सुश्रुति, मुफ्त सर्जिकल हस्तक्षेप के प्रावधान के लिए प्रोजेक्ट चरक, स्त्री रोग संबंधी विकारों के इलाज के लिए प्रोजेक्ट सुरभि और टीबी के इलाज के लिए प्रोजेक्ट अक्षय शामिल हैं। 

उल्लेखनीय है कि, आरएसपी द्वारा पर्श्वांचल  गांवों में चिकित्सा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे न केवल दूरदराज के गाँवों में रहने वाले लोगों तक चिकित्सा सुविधा पहुँच पाई है, बल्कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित चिह्नित लोगों को आईजीएच में मुफ्त इलाज के लिए महंगी शैल्यचिकित्सा भी उपलब्द्ध ओ रही है।      

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