*कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) 28 से 30 नवंबर 2024 तक 13वीं नेशनल सीड कांग्रेस (एनएससी) का आयोजन करेंगे*
*इस 3 दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में एक सतत एवं समग्र बीज क्षेत्र के विकास लिए रोडमैप बनाने हेतु नीति निर्माताओं, किसानों और निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाना है*
वाराणसी। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार नेशनल सीड कांग्रेस (एनएससी) के 13वें संस्करण की मेज़बानी करेगा, जो की 28 से 30 नवंबर, 2024 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आइसार्क) और राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (एन.एस.आर.टी.सी.) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। नेशनल सीड कांग्रेस बीज मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चैन) के सभी हितधारकों को एक साथ लाएगी, जो परिवर्तनकारी समाधान तलाशने और बीज प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
नेशनल सीड कांग्रेस शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, किसानों, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का एक वार्षिक सम्मेलन है, जिसका उद्देश्य भारत में एक सतत एवं समग्र बीज क्षेत्र के विकास लिए रोडमैप तैयार करना है। “बीज क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, भागीदारी और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना” थीम के साथ, एनएससी 2024 बीज, फसल सुधार और बीज वितरण प्रणालियों से संबंधित अनुसंधान की प्रगति, नवाचारों और सिद्धांतों पर अनुभव और अंतर विभागीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। एनएससी 2024 का उद्देश्य विचारों और अनुसंधान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाकर वैज्ञानिक प्रगति को गति देना है। यह बीज क्षेत्र में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करेगा और ऐसी अंतर विभागीय दृष्टिकोण जो नीतिगत परिवर्तनों, तकनीकी नवाचारों और सतत विकास को प्रभावित कर सकते हैं, में सहायता करेगा।
एनएससी की भूमिका को रेखांकित करते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर ने कहा कि, “किसानों की आय बढ़ाने और अरबों लोगों के लिए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, उच्च गुणवत्ता वाले, जलवायु-अनुकूल और पौष्टिक बीजों के साथ-साथ उन्नत किस्मों तक पहुँच पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। एनएससी 2024 इन चुनौतियों का समाधान करने, किसानों को सशक्त बनाने और यह सुनिश्चित करने एवं सहयोग करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा जिससे कि भारत की कृषि मजबूत और टिकाऊ बनी रहे। यह आयोजन अभिनव समाधानों को उत्प्रेरित करेगा और बीज क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने वाली साझेदारी को बढ़ावा देगा।”
इरी की महानिदेशक डॉ. यवोन पिंटो ने कहा, “यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब कृषि क्षेत्र में बाजार की मांग लगातार बढ़ रही है और अधिक समावेशी और टिकाऊ बीज प्रणालियों की आवश्यकता है। विभिन्न कृषि पारिस्थितिकी प्रणालियों में बीज मूल्य श्रृंखला के विशेषज्ञों और हितधारकों के एकत्रीकरण से हम इन जटिल मुद्दों के लिए प्रभावशाली समाधान तैयार कर सकेंगे।” इरी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आइसार्क) के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह इस वर्ष के कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। 2018 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसके उद्घाटन के बाद से, वाराणसी में इसार्क ने पिछले कुछ वर्षों में अभिनव अनुसंधान, क्षमता निर्माण और प्रभावशाली साझेदारी के माध्यम से भारत की बीज प्रणालियों को मजबूत करने के इरी के प्रयासों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सहभागी धान और स्वर्ण-सब 1 जैसी सफल जलवायु-अनुकूल चावल किस्मों एवं पोषण संबंधी उन्नत किस्मों और मूल्यवर्धित उत्पादों के विकास के साथ-साथ, संस्थान ने सीमा पार बीज विनिमय की सुविधा भी दी है, ‘सीड्स विदाउट बॉर्डर्स’ जैसी नीतियों के माध्यम से वैरिएटल रिलीज में तेजी लाई है और इसे तेजी से अपनाया है। इसके अतिरिक्त, इरी के जीनोमिक उपकरण, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और मजबूत बीज प्रणालियाँ तेजी से वैरिएटल विकास और संरचित प्रसार सुनिश्चित करती हैं। राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (एन.एस.आर.टी.सी.) के निदेशक और कार्यक्रम के सह-संयोजक श्री मनोज कुमार ने देश भर में बीज की गुणवत्ता और प्रशिक्षण में सुधार लाने में एनएसआरटीसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम में एनएसआरटीसी की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा, “नेशनल सीड कांग्रेस ज्ञान के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। एनएसआरटीसी बीज गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार लाने और उद्योग को आधुनिक तकनीकों के हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाने के लिए समर्पित है। एनएससी 2024 में हमारी भागीदारी के माध्यम से, हमारा लक्ष्य बीज गुणवत्ता परीक्षण नेटवर्क को मजबूत करना और यह सुनिश्चित करना है कि देश भर के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलना सुलभ हों।”
एनएससी 2024 विविध विषयों पर चर्चा करके टिकाऊ, समतामूलक और अनुकूल बीज प्रणालियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें जलवायु अनुकूल के लिए प्रजनन और बीज प्रणालियां, बीज की गुणवत्ता और प्रौद्योगिकी में उन्नति, प्रजनन के लिए डिजिटल समाधान, बीज प्रणालियां और बाजार अंतर्दृष्टि, बीज क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करना, आजीविका सुधार के लिए समावेशी बीज प्रणालियां, बीज वितरण और स्केलिंग के लिए अभिनव दृष्टिकोण और रणनीतिक बीज पहल के माध्यम से पोषण सुरक्षा शामिल हैं।