सोनभद्र/सिंगरौली। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के आह्वान पर तृतीय चरण के आंदोलन के तहत भारतीय कोयला खदान श्रमिक संघ सिंगरौली (म.प्र.) एवं भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीना (उ.प्र.) ने एनसीएल मुख्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस धरने में 115 पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और 1000 से अधिक कर्मचारियों ने प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।धरना कार्यक्रम का शुभारंभ संगठन के प्रथम सदस्य भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा-अर्चना से हुआ, जिसे अशोक मिश्रा (संगठन मंत्री), उमेश सिंह (संयोजक), राजेश पटेल (अध्यक्ष), अरुण दुबे (JCC मेम्बर), श्यामधर दुबे (JCC मेम्बर) एवं मनोज सिंह (महामंत्री बीना) ने संयुक्त रूप से किया। धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से कोल इंडिया लिमिटेड से संबंधित 17 प्रमुख मांगें रखी गईं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: सभी अनुषांगिक कंपनियों में समान सदस्यता सत्यापन और IR प्रणाली लागू करना।
वेतन समझौता-11 की स्वीकृत मांगों का संपूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।सभी कंपनियों में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण एवं पर्याप्त पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती। कैडर स्कीम में सुधार एवं पुराने पद नामों में बदलाव।कोल उद्योग में कार्यरत महिला सशक्तिकरण हेतु कमेटी का गठन। भूमि अधिग्रहण के मुआवजा में बढ़ोतरी एवं गड़बड़ी में सुधार।. ठेका मजदूरों की समस्याओं का समाधान एवं सुरक्षा कल्याण की व्यवस्था।
मुख्यालय के कर्मचारियों ने भी अपने लिए 10 मांगें रखी हैं, जिनमें 1.1% कैश रिवॉर्ड का भुगतान, आवासीय परिसर की मरम्मत, पानी की गुणवत्ता में सुधार, और कार्यालयों में पीने के पानी की व्यवस्था जैसी समस्याएं प्रमुख रहीं।
धरना का संचालन श्यामधर दुबे, महामंत्री बीकेकेएसएस सिंगरौली ने किया। अध्यक्ष बीकेकेएमएस बीना, अरुण दुबे ने मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष को जारी रखने की बात कही, वहीं महामंत्री बीकेकेएसएस सिंगरौली श्यामधर दुबे ने चेतावनी दी कि यदि प्रबंधन ने मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया, तो संघ और भी उग्र आंदोलन करेगा । इस धरने में अशोक मिश्रा (संगठन मंत्री ABKMS), उमेश सिंह (NCL कोऑर्डिनेटर), राजेश पटेल (अध्यक्ष BKKSS सिंगरौली), अरुण दुबे (अध्यक्ष BKKMS बीना), मनोज सिंह (महामंत्री BKKMS बीना) और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। सुरक्षा, वेतन समझौता, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, महिला सशक्तिकरण, भूमि अधिग्रहण मुआवजा, कैशलेस इलाज जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। कर्मचारियों में प्रबंधन के रवैये को लेकर काफी आक्रोश है और यदि समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं हुआ तो संघ उग्र आंदोलन करेगा। अरुण दुबे ने कहा कि “मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघ सदा तत्पर है और हम तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।”