गाजीपुर। लाल दरवाजा स्थित आनंद मार्ग स्कूल के तत्वाधान में मंगलवार को गाज़ीपुर के शहरी क्षेत्र मे निवास कर रहे असहाय एवं निराश्रित लोगों को नारायण सेवा के तहत भोजन कराकर तृप्त किया गया इस कार्यक्रम से मालीन चेहरे पर मुस्कान के साथ ही खुशहाली देखी गई। आनंद मार्गी सन्यासियों ने डी टी एस आचार्य आनंद वर्धन ब्रह्मचारी के नेतृत्व मे 300 जरूरतमंद लोगों को नगर के टैक्सी स्टैंड,बंजारिपुर में भोजन वितरित किया जहां लोगों ने विटामिन युक्त चावल सब्जी चोखा का आनंद लिया। गाज़ीपुर डी टी एस आचार्य आंनद वर्धन ब्रह्मचारी ने कहा कि प्रत्येक जीव में परमात्मा की ही मानस अभिव्यक्ति है इसलिए परमात्मा को ढूंढने के लिए तथा उन्हें पाने के लिए हमे काशी पूरी उज्जयनी मक्का वृंदावन या जेरूसलम आदी जाने की आवश्यकता नहीं है अपितु स्वयं को काशी पूरी मक्का वृंदावन जेरूसलम बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जरुरत है अपने मन को मंदिर बनाने की इसलिए कि जब हम ऐसा करेंगे तब हम स्वयं में उपस्थित परमात्मा को देख पाएंगे और समझ पाएंगे कि हम ही ब्रह्म है, हम ही परमात्मा हैं फिर कोई संसार मे द्वैत या द्वंद न होगा। पूरा विश्व हमे अपना सा लगने लगेगा साथ ही सबों में हम परमात्मा को देख पाएंगे फिर इस विश्व को परमात्मा के मानस अभिव्यक्ति के रूप में देख कर उनकी सेवा कर पाएंगे, हम सभी एक ऐसा तप कर पाएंगे जिसके बदले मे हमे कुछ भी पाने की कोई इच्छा नहीं होगी तभी वसुधैव कुटुंबकम् की भावना फलित होगी साथ ही कोई भेद भाव न होगा ना ही कोई पराया होगा ना ही ऊंच-नीच अमीर- गरीब होगा, न तो जात- पात होगा न ही किसी प्रकार का शोषण होगा जिससे अराजकता की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी ऐसे सुंदर मानव समाज का निर्माण होगा जिसके लिए मानव आज तक तरसता रहा है और हम सभी एक साथ अपने पूर्णता कि ओर अग्रसर हो पाएंगे। ब्रह्मचारी ने कहा कि अपने आप में पूर्णता लाना बड़ी बड़ी बातों से नहीं होगा केवल शास्त्र दर्शन के अध्ययन से नहीं होगा ना ही तर्क वितर्क से इसके लिए हमें अपने मन का विस्तार करना होगा जिसके लिए ब्रह्मी साधना की जाती है ताकि हम स्वयं में परमात्मा का अनुभव कर सके।आनन्द मार्ग हमें ब्रह्मी साधना सिखाता है कि प्रत्येक मनुष्य का कल्याण हो सके। इस मौके पर मुख्य रूप से स्कूल मैनेजर शैलजी, टीचर इंचार्ज दया सर, प्रीतेशजी , ओमप्रकाश सर, मनजीत आदि मौजूद रहे ।