सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र
राउरकेला ।सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के कोक ओवन विभाग की कर्मवीर क्वालिटी सर्किल टीम ने अपने अभिनव प्रयासों से बैटरी-6 में परिचालन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के अलावा कंपनी के लिए पर्याप्त बचत हासिल की है। गौरतलब है कि, बैटरी-6 में 67 अत्याधुनिक 7 मीटर ऊँचे ओवन हैं, जो सालाना 0.9 मिलियन टन कोक बनाते हैं।
कोक ओवन की सीडीसीपी इकाई में एक गंभीर चिंताजनक मुद्दा काफी दिनों से चलती आ रही थी, जहाँ शुष्क शमन प्रक्रिया के दौरान मिल-फैन की विफलता के कारण फ्लू गैस परिसंचरण में रुकावट आई, जिससे कोक जलाना जोखिम भरा काम हो गया और संभावित विस्फोट का खतरा बन गया था, जो चैंबर के ढक्कन और दीवारों को नुकसान पहुँचा सकता था। मौजूदा हाइड्रोलिक सिस्टम इन परिस्थितियों में कूलिंग चैंबर के ढक्कन खोलने के लिए अपर्याप्त था, जिससे गंभीर परिचालन चुनौतियां पैदा हो गयी थीं ।
क्यूसी टीम में शामिल, वरिष्ठ तकनीशियन, संजय कुमार साहू, ऑपरेटर, हादिबंधु साहू, अश्विनी कुमार बेहरा और दीपक कुमार दे, ने तकनीशियन, कुलमणि साहू के नेतृत्व और वरिष्ठ प्रबंधक (कोक ओवन), बी. पंडा के मार्गदर्शन में ये चुनौती अपने हाथों लिया और समस्या का समाधान किया तथा एक अतिरिक्त संचायक जोड़कर हाइड्रोलिक सिस्टम में एक महत्वपूर्ण संशोधन लागू किया।
इस अभिनव समाधान ने न केवल परिचालन सुरक्षा को बढ़ाव मिला बल्कि बैटरी-6 में पुशिंग और सीडीसीपी इकाई में शीतलन चक्र को भी इष्टतम अधिकतम किया, जिससे सालाना 2.7 करोड़ रुपये की पर्याप्त बचत हुई। इस वृद्धि ने पर्याप्त हाइड्रोलिक दबाव सुनिश्चित किया, जिससे मिल-फैन विफलताओं के दौरान ढक्कन को खोलना आसान हो गया, जिससे कोक जलने की जोखिम और विस्फोटों का खतरा को रोका जा सका। टीम के अनुकरणीय प्रयासों ने उन्हें प्लांट लेवल क्वालिटी सर्किल प्रतियोगिता में प्रतिष्ठित गोल्ड पुरस्कार दिलाया।