मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासनिक अमले ने पहुंचाई नयी व्हील चेयर
रायपुर, कई लोग अभाव और अक्षमताओं को जीत कर अपने जज्बों एवं प्रतिभा से इतिहास लिख जाते है। ऐसी ही एक कहानी कोण्डागांव जिले के मसोरा की 13 वर्षीय बालिका राजेश्वरी पटेल की है। राजेश्वरी जन्म से ही अपने हाथ एवं पैरो को मोड़ने मे असक्षम थी जिसके कारण वह बचपन से ही चलने फिरने में असमर्थ रहीं परंतु इस असमर्थता को उसने कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। मसोरा के माध्यमिक शाला में कक्षा सातवीं में अध्ययनरत राजेश्वरी अपने हाथों से कार्य नहीं कर पाती थीं। ऐसे में उसने अपने पैरों से कार्य करना प्रारंभ कर दिया। आज वह पैरो से कंचे खेलने, पेंटिंग बनाने और रंगोली बनाने जैसे काम भी कर लेती है।
राजेश्वरी के पिता दीनूराम पटेल कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। हाथों से कार्य न कर पाने के बावजूद पैरो से वह अपने सभी कार्य कर लेती है। राजेश्वरी रंगोली, पेंटिंग के अलावा अच्छा गा भी लेती है। बालिका राजेश्वरी कहती है कि उन्हें उनके परिवारजनों का सदैव सहयोग मिला है। उन्हें स्कूली शिक्षकों और सहपाठियों द्वारा भी सहयोग एवं प्रोत्साहन मिलता है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासनिक अमला पहुंचा गांव
रंगोली प्रतियोगिता में दिव्यांग राजेश्वरी के प्रथम आने और उसके संघर्ष की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं संज्ञान लेते हुए कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा को बालिका के हर संभव मदद के साथ नयी व्हील चेयर देने के निर्देश दिए। इस पर एसडीएम गौतमचंद पाटिल, समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक ललिता लकड़ा सहित प्रशासनिक अमले ने तुरंत बालिका राजेश्वरी के घर जाकर उसे नयी व्हील चेयर प्रदान किया। बालिका को पहले भी समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया था, जो कि पुराना हो गया था। इस अवसर पर प्रशासन द्वारा प्राप्त सहयोग हेतु राजेश्वरी एवं उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार व्यक्त किया।
बालिका के लिए समाज कल्याण विभाग बनायेगा नवीन सीपी व्हील चेयर
उपसंचालक समाज कल्याण सुश्री ललिता लकड़ा ने बताया कि प्रतिभावान छात्रा राजेश्वरी को पूर्व में व्हील चेयर प्रदान करने के साथ विभाग की ओर से प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। राजेश्वरी के लिए विभाग द्वारा नवीन सीपी व्हील चेयर का भी निर्माण किया जा रहा है। इस नवीन व्हील चेयर में पढ़ने एवं अन्य गतिविधियों के संचालन हेतु अलग से टेबल लगाया जायेगा। जिसमें राजेश्वरी पढ़ाई-लिखाई के साथ आसानी से दिन-प्रतिदिन के कार्य कर सकेगी।