लखनऊ : प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि ’विश्व धरोहर समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश पर्यटन न केवल हिस्सा ले रहा है, बल्कि हमारा प्रयास है कि राज्य की विशेषताओं से हम अपने अतिथियों को अवगत कराएं ताकि, वह यहां घूमने के लिए आकर्षित हों। उत्तर प्रदेश के पयर्टन विकास में यह बैठक मील का पत्थर साबित होगी।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चल रही विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक बुधवार को संपन्न हुई। आयोजन स्थल पर उत्तर प्रदेश पर्यटन के स्टॉल ने विदेशी अतिथियों को खासा आकर्षित किया। कन्नौज का इत्र, लखनऊ की चिकनकारी, आगरा की जरदोजी, वाराणसी का वुडन टॉय सहित अन्य हस्तशिल्प कला ने सुर्खियां बटोरी। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित बैठक में 150 से अधिक देशों के 2500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक में भारत की विविध और अनूठी सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक विरासत को दुनिया के सामने पेश किया गया। 21 जुलाई से 31 जुलाई तक चले इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश पर्यटन ने भी अपना स्टॉल लगाया। यूपी के स्टॉल पर काशी विश्वनाथ मंदिर, बुंदेलखंड सर्किट, बौद्ध सर्किट और उत्तर प्रदेश के हेरिटेज, आर्ट एवं क्राफ्ट को दर्शाया गया। विश्व धरोहर समिति की बैठक का शुभारंभ 21 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। प्रतिनिधियों को लखनऊ की चिकनकारी, कन्नौज का इत्र और सहारनपुर का वुडन वर्क उपहार स्वरूप दिया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश अपनी अतुल्य संस्कृतिक धरोहरों और सभ्यता के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां फतेहपुर सीकरी, ताज महल और आगरा फोर्ट जैसे तीन वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं। यहां की धरती धर्म और अध्यात्म से सराबोर है। पर्यटन की अपार संभावनाएं लिए प्रदेश में 12 टूरिज्म सर्किट हैं। यहां की कला-संस्कृति और व्यंजन भी बेजोड़ हैं। प्रदेश की इन्हीं विशेषताओं से विश्व के प्रतिनिधियों को परिचित कराने का प्रयास किया गया।