राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के इस्पात जनरल अस्पताल में मेडिसिन विभाग की गैस्ट्रोएंटरोलॉजी शाखा के डॉक्टरों ने हाल ही में ई.आर.सी.पी. तकनीक का उपयोग करके एक रोगी के शरीर से 20 पथरी को सफलतापूर्वक निकाला।
रोगी को पेट में लगातार दर्द और अपच की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जाँच करने पर पाया गया कि रोगी की सामान्य पित्त नली और पित्ताशय दोनों में पथरी है। ई.आर.सी.पी. का उपयोग करते हुए, लगभग 20 पथरी को सफलतापूर्वक निकाला गया और रोगी अब ठीक हो रहा है। सर्जरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा) और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, डॉ. पी.के.महापात्र एवं उनकी टीम द्वारा की गई, जिसमें वरिष्ठ हॉस्पिटल तकनीशियन, श्री चिंतामणि नायक और पैरामेडिकल शामिल थे।
विशेष रूप से, एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलांगियोपैन्क्रिएटोग्राफी (ई.आर.सी.पी.) पित्त और अग्नाशयी नलिकाओं से संबंधित स्थितियों के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें पित्त की पथरी, अवरोध और सामान्य पित्त नली का कार्सिनोमा शामिल है। ई.आर.सी.पी. के दौरान, मुंह के माध्यम से एक लचीली ट्यूब (एंडोस्कोप) डाली जाती है और पित्त नलिकाओं तक निर्देशित की जाती है, जिससे डॉक्टर स्टेंटिंग, बैलून डाइलेशन या पथरी निकालने जैसी प्रक्रियाएँ कर सकते हैं।इस उन्नत ई.आर.सी.पी. तकनीक के जुड़ने से आईजीएच में कई जटिल समस्याओं के इलाज में मदद मिलेगी ।