मुंबई की एक विशेष अदालत ने मानव तस्करी गिरोह में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किए गए 2 लोगों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की हिरासत में भेजने से इनकार कर दिया है।
यह मामला भारतीयों को अधिक वेतन वाली नौकरियों का प्रलोभन देकर विदेश भेजने का है। हालांकि, मंगलवार को पारित आदेश में विशेष न्यायाधीश ए के लाहोटी ने कहा कि आरोपी जेरी फिलिप्स जैकब और गोडाफी अल्वारेज जब तक न्यायिक हिरासत में हैं तबतक एनआईए उनसे पूछताछ कर सकती है।
एनआईए ने कहा है कि कुछ भारतीयों को थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों में भेजा गया था जहां उन्हें प्रताड़ित कर गुलामी करने के काम में धकेल दिया गया। इनमें ज्यादातर 20-45 आयु वर्ग के पुरुष थे।
जैकब और अल्वारेज को मुंबई पुलिस ने मार्च में भारतीयों को थाईलैंड भेजने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था, जहां उन्हें बेहद खराब परिस्थितियों में बंधक बनाकर रखा गया था।
दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (मानव तस्करी) और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में मौजूद हैं। अदालत ने सोमवार को जांच एजेंसी को आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी है। इसके बाद एनआईए ने उनकी हिरासत की मांग की है।