चैत्र नवरात्र मेले के तीसरे दिन विश्व विख्यात आदि शक्ति के दरबार देवी धाम में मां विंध्यवासिनी के भव्य स्वरूप का दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का रेला लगा रहा। चिलचिलाती धूप की परवाह किए बगैर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धाभाव से मां के चरणों में शीश नवाया।
घंटा-घड़ियाल, शंख एवं माता के जयकारे से पूरा धाम गुंजायमान हो रहा था। गुरुवार की भोर में मां विंध्यवासिनी की भव्य आरती के बाद विंध्यधाम में दर्शन-पूजन का दौर शुरू हो गया, जो अनवरत चलता रहा।
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु हाथ में माला-फूल, नारियल-चुनरी व प्रसाद लेकर मंदिर पहुंचे, जहां गुड़हल, गुलाब व कमल पुष्पों सहित स्वर्ण आभूषणों से मां का भव्य श्रृंगार किया गया जिसे देख भक्त निहाल हो उठे। परिक्रमा पथ के बाहर नई वीआईपी ,पुरानी वीआईपी रोड सहित कोतवाली गली, सहित कई अन्य गलियों में कतार में खड़े नर-नारी व बच्चे मां का जयकारा लगाते रहे, जिससे पूरा वातावरण देवीमय हो उठा।
विंध्याचल मंदिर के गुंबद व परिक्रमा पथ में बनाए गए नये हवन कुंड की परिक्रमा करने को भक्तों का तांता लगा रहा, वहीं बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराने में लगे रहे।
मां विंध्यवासिनी देवी के भव्य स्वरूप का दर्शन-पूजन करने के बाद श्रद्धालु अष्टभुजा पहाड़ पर विराजमान मां अष्टभुजी देवी व महाकाली मंदिर में पहुंचकर बड़े ही श्रद्धाभाव से शीश झुकाकर अपने-अपने परिवार की सुख समृद्धि मंगलकामना करते दिखाई दिए।