ज्ञानपुर। आग लगने से बचना ही बेहतर होगा क्योंकि जिले में अग्निशमन के पर्याप्त उपकरण ही नहीं हैं। विभाग के पास 4500 लीटर और 2500 लीटर क्षमता वाले दो-दो अग्निशमन वाहन और 400 लीटर का एक ही वाटर मिस्ट है। जब खेतों में आग लगती है तो इतने संसाधन से काम नहीं चल पाता। प्रयागराज और मिर्जापुर से दमकल मंगवानी पड़ती हैं।
जिले में गर्मी का असर काफी हद तक बढ़ गया है। हर साल गर्मियों के दिनों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा होता है। खासकर शार्ट सर्किट के कारण कई कालीन कंपनियों में करोड़ों के माल राख हो जाते हैं। वहीं हर साल सैकड़ों बीघे फसल शार्ट सर्किट से निकली चिंगारी की वजह से आग की चपेट में आकर राख हो जाती है।
आंकड़ों की बात करें तो बीते साल भदोही 2 बड़ी कालीन कंपनियों के अलावा घोसिया में एक बड़ी कालीन कंपनी में आग लगी। जिसमें करीब 25 से 30 करोड़ का नुकसान हो गया। वहीं करीब 300 बीघा खेत की फसलें आग की जद में आई। हर साल अग्निशमन विभाग आग से निटपने का दावा करता है, लेकिन हकीकत यह है कि जब भी जिले में आग लगी की कोई बड़ी घटना होती है तो विभाग को मिर्जापुर और प्रयागराज जैसे जिले से अग्निशमन को बुलाना पड़ता है। जब तक अग्निशमन की गाड़ियां घटनास्थल तक पहुंचती हैं, तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है।
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संसाधनों के नाम पर सिर्फ दो बड़े वाहन
अग्निशमन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार आग से बचाव के लिए उसके पास पर्याप्त इंतजाम है। जिले में 2 अग्निशमन केन्द्र हैं। जिसमें एक मूंसीलाटपुर और दूसरा औराई में है। जहां जिले में 4500 लीटर क्षमता के 2, 2500 लीटर क्षमता के दो के साथ एक 400 लीटर क्षमता वाला वाटर मिस्ट है। इसके अलावा टोइंग व्हीकल जीप एक, दो कैंफर बोलेरो, 3 पोर्टेबल पंप के साथ एक बुलेट है। विभाग के अनुसार यह सब चालू अवस्था में है। समय-समय पर इनकी मरम्मत भी कराई जाती है। जलापूर्ति के दो लिए औराई और भदोही में वाटर पंप भी है। जिले में दो की जगह केवल एक फायर इस्पेंक्टर है। सब फायर इस्पेक्टर के पद खाली हैं। लीड फायरमैन की संख्या 14 है, जिनमें 4 को गैर जनपदों में तैनात कर दिया गया है। 41 फायर मैन हैं। इसमें चार फायरमैनों से ही चालकों का काम लिया जाता है।
वहिदानगर में दो साल से अटका अग्निशमन केंद्र
जिले के वहिदानगर में 2 साल से अग्निशमन बनाने का मामला अटका हुआ है। जमीन को लेकर चल रहे विवाद के चलते 2 सालों से अग्निशमन केंद्र नहीं बन सका। इसके चलते कोइरौना क्षेत्र में आग की घटनाओं को रोकने और अग्निशमन के लिए एक 4500 लीटर वाहन सीतामढ़ी के नारेपार प्राथमिक विद्यालय में रहती है। जहां एक ड्राईवर, चार फायरमैन और एक लीड फायरमैन तैनात रहते हैं।