सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह इस बात पर जोर न दे कि केरल राज्य को अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति देने के लिए अपना मुकदमा वापस ले लेना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, ऐसी शर्त कैसे रखी जा सकती है? कोर्ट का कहना है कि मुकदमा दायर करना अनुच्छेद 131 के तहत एक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र मुकदमा वापस लेने की शर्त को छोड़कर अन्य शर्तें रख सकता है। जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की SC बेंच ने केरल और केंद्र से मुद्दों को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने केरल को 13600 करोड़ उधार लेने की इजाजत दी। केंद्र ने यह भी जानकारी दी है कि सुप्रीम कोर्ट केरल की ओर से दायर याचिका पर विचार करते हुए 13600 करोड़ रुपये उधार लेने की इजाजत दे सकता है। इससे पहले केंद्र और केरल के बीच हुई चर्चा में केंद्र ने कहा था कि केरल कुछ शर्तों के साथ यह रकम उधार ले सकता है। मुख्य शर्त सुप्रीम कोर्ट में याचिका वापस लेने की थी।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान के लिए केंद्र की आलोचना की और उस प्रावधान को रद्द करने के निर्देश दिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केरल को मामले के संबंध में अदालत से संपर्क करने का अधिकार है। साथ ही केंद्र ने अंतरिम आदेश जारी नहीं करने का भी अनुरोध किया। केंद्र ने कहा था कि वह केरल को बिना अंतरिम आदेश के 13,600 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति देगा। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अंतरिम आदेश जारी नहीं करेगा, 13600 करोड़ का कर्ज लेने की इजाजत दे देता।