हड़ताल जन सामान्य के लिए बनती है काल-जजलाल

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*शहंशाह के फरमान और न्याय के बीच का फर्क भूल चुकी है सरकार*

भदोही। सड़क दुर्घटना पर भारतीय न्याय अहिंसा के प्रावधानों को लेकर ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को लेकर कांग्रेस कमेटी भदोही के जिला महासचिव जजलाल राय ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

कहां की बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। सरकार पर वार करते हुए श्री राय ने कहा कि सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ वसूली तंत्र को बढ़ावा दे सकता है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार शहंशाह के फरमान और न्याय के बीच का फर्क भूल चुकी है।

श्री राय ने कहां की ऐसी हड़ताल पर प्रतिबंध होना चाहिए जो जनसाधारण के लिए काल बन जाए लेकिन हिंदुस्तान जैसे लोकतांत्रिक में हर व्यक्ति को अपनी अपनी तरह से विरोध करने का अधिकार है कोई भी कानून सरकार लाती है लेकिन उसका भुगतान जनसाधारण क्यों करें और सरकार को भी कोई भी कानून की घोषणा करने से पहले उसके आगे पीछे होने वाले इफेक्ट के विषय में आवश्य सोचना चाहिए।

श्री राय ने कहा कि भारतीय न्याय सहिंता 2023 में हुए संशोधन के बाद  हिट और रन के मामले में दोषी ड्राइवर को 10 साल तक कैद/सजा और 7 लाख रूपए का जुर्माना का प्रवधान है। मामला तो हिट एंड रन है ही गंभीर, लेकिन एक ड्राइवर के लिए यह संशोधित कानून पूर्ण रूप से घातक है क्योंकि हर बार बड़ी व छोटी गाड़ीयों का ड्राइवर ही दोषी नहीं होता है, कई बार लोग स्वयं ही इसका शिकार बन जाते हैं। ऐसे में यह कानून ड्राइवर के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होता है। आवारा जानवर सड़कों पर घूमते रहते हैं। जिनसे बचने के लिए ड्राइवर को इधर-उधर होना पड़ता है उसमें भी वह कई बार हिट एंड रन के मामले में फंस जाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार देते हुए श्री राय ने कहा कि इसके परिणाम जनता के लिए घातक हो सकते हैं। मेहनत करने वाले ड्राइवर पर उनकी रोजी-रोटी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। कहां की आम जन साधारण ही परेशान होने लगे हैं ऐसी हड़ताल किसी भी मायने में उचित नहीं है सरकार को भी इस तरह की हड़ताल पर गंभीरता से विचार करना होगा। सरकार अपनी तानासाही छोड़कर हड़ताल कर रहे लोगों से वार्ता करनी चाहिए।जनमानस को किसी भी प्रकार का कठिनाइयों का सामना न करना पड़े सरकार इस पर विशेष ध्यान दें।

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