बहुत दुखद दिन था…आखिर Mahua Moitra के निष्कासन से क्यों दुखी हैं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे?

Spread the love

संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, यह महिलाओं से संबंधित मुद्दा नहीं है। (मोइत्रा से) पैसे और कुछ उपहारों के बारे में सवाल पूछे गए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस-इस ब्रांड के स्कार्फ मिले , फलां ब्रांड की लिपस्टिक मिली। उन्होंने मना नहीं किया।

महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश फॉर क्वेश्चन का आरोप लगाने वाले बीजेपी के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को कहा कि यह दुखद दिन था क्योंकि एक सांसद को भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर निष्कासित कर दिया गया। महुआ मोइत्रा को उन आरोपों के लिए लोकसभा से निष्कासित किए जाने के एक दिन बाद भाजपा सांसद ने कहा, “इसमें खुश होने की क्या बात है? यह एक दुखद दिन था।

लगातार इस मुद्दे को उठाने वाले निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को इप पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शनिवार को भी उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। महीनों तक, निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर आमने-सामने थे। जहां मोइत्रा ने दुबे पर उनकी डिग्री को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया, वहीं लोकसभा की आचार समिति द्वारा महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू करने के बाद भी तीखे हमले जारी रहे।

संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, यह महिलाओं से संबंधित मुद्दा नहीं है। (मोइत्रा से) पैसे और कुछ उपहारों के बारे में सवाल पूछे गए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस-इस ब्रांड के स्कार्फ मिले , फलां ब्रांड की लिपस्टिक मिली। उन्होंने मना नहीं किया। जोशी ने कहा कि मोइत्रा ने 36 बार विदेश यात्रा की, ‘उदाहरण के लिए तोक्यो’ को लेते हैं और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने कहा है कि उन्होंने उनकी यात्रा का खर्च उठाया था।  

तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को लोकसभा से अपने निष्कासन की तुलना ‘कंगारू अदालत’ द्वारा फांसी की सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है।

लोकसभा की आचार समिति की सिफारिश पर सदन की सदस्यता से निष्कासित किये जाने के कुछ मिनट बाद मोइत्रा ने कहा कि उन्हें उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है और उन्हें नकदी या उपहार दिए जाने का कोई सबूत नहीं है। लोकसभा की आचार समिति ने ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’के मामले में महुआ मोइत्रा को सदन की सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.