मृत चिकित्सक के फरहदा गांव में फैला सियापा, स्वजन सन्नाटे में
अहरौरा, मिर्जापुर/ अहरौरा थाना क्षेत्र के फरहदा गांव निवासी डा अरुण सिंह जो रायबरेली जिले के लालगंज चिकित्सक थे उनके एव उनके परिवार की मृत्यु की गुत्थी गांव में किसी को हजम नही हो पा रही है। अहरौरा थाना क्षेत्र के रहने वाले डॉ0 अरुण सिंह रायबरेली के आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना स्थित अस्पताल में डीएमओ के पद पर तैनात थे। मगंलवार की रात को उनका शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटकता हुआ मिला था वही उनकी पत्नी, बेटा व बेटी का शव कमरे में बेड पर मिला था। पुलिस प्रथम दृष्टया आत्महत्या व डिप्रेशन बता रही है, लेकिन परिवार के लोगों का कहना है कि डॉ अरुण बेहद सुलझे और गंभीर व्यक्ति थे। ऐसी घटना से परिवार के लोग हैरान है।
रायबरेली जिले में स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) परिसर स्थित अस्पताल में नेत्र सर्जन के पद पर कार्यरत डॉ अरुण सिंह मिर्जापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र फरहदा गांव के रहने वाले है। अरुण सिंह के साथ ही सरकारी आवास में ही अपनी पत्नी अर्चना, बेटी अदीवा उम्र 12 वर्ष बेटा आरव उम्र 5 वर्ष साथ में रहते थे सरकारी आवास में ही उनका शव फांसी के फंदे से लटकता मिला है और उनकी पत्नी, बेटी व बेटा का शव बेड पर मिला।
बुधवार को जब उनके पैतृक घर पर पत्रकार पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने इस मौत पर हैरानी जताई। अरुण सिंह तीन भाइयों में बड़े थे। दूसरे भाई अशोक अहमदाबाद में नौकरी करते है तो तीसरे भाई डॉ0 आनन्द सिंह एम्स रायपुर में डॉक्टर है। पिता कैलाश जैनत ओबरा में नौकरी करते थे कुछ वर्ष पहले रिटायर हो गए है और माता कलावती भी घर पर नही रहती है दोनों लोग शक्तिनगर में रहते है ।
एक साल पहले पैतृक गांव आये थे डॉ0 अरुण
डॉ0 अरुण लगभग एक वर्ष पूर्व गांव में आयोजित वैवाहिक कार्यक्रम में शिरकत के लिए आये हुए थे।डा अरुण की शिक्षा जयंत मध्य प्रदेश में हुई है। परिवार के राजन ने बताया कि डॉ अरुण बड़े कुशल और व्यवहारिक व्यक्ति थे गांव में जब भी आते थे तो सभी से मिलकर जाते थे। कभी ऐसा नही लगा कि वो डिप्रेशन में या परेशान चल रहे है। जब से हम लोगों को सूचना मिली है, तब से हैरान है। परिवार में शादी या फिर कोई अन्य कार्यक्रम होता था तो यहां पर आते थे।
डॉक्टर बनने पर मनाई खुशी, गम में डूबा गांव
फरहदा के रहने वाले राजन ने बताया कि डॉ अरुण जब डॉक्टर बनकर गांव आये थे तो जश्न मनाया गया था। इस जश्न में पूरा गांव शामिल था। आज अरुण की मृत्यु के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। अरुण की मृत्यु की खबर लगते ही चाचा व अन्य परिवार से जुड़े लोग रायबरेली के लिए रवाना हो गए है। गांव में स्थित पैतृक घर पर मौजूद महिलाओं ने भी इस मृत्यु पर हैरानी जताई।