विभागीय योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभान्वित करें: मोहन मरकाम

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बस्तर संभाग में विभागीय योजनाओं की समीक्षा
रायपुर, / आदिम जाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहन मरकाम ने जगदलपुर में आयोजित बैठक में बस्तर संभाग में विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 85 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की है। राज्य शासन इन वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं। उक्त योजनाओं-कार्यक्रमों से समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभान्वित कर उनके आर्थिक-सामाजिक बेहतरी की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने राज्य सरकार की मंशानुरूप योजनाओं-कार्यक्रमों का कारगर क्रियान्वयन कर जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने पर जोर देते हुए सभी कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर सुनिश्चित करने को कहा।

मंत्री श्री मरकाम ने निर्माण कार्यों को तेजी के साथ संचालित कर निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये। वहीं बस्तर के ग्रामीण आस्था केन्द्रों देवगुड़ी एवं मातागुड़ी निर्माण कार्यों को समाज के लोगों की सहमति से उसके स्वरूप के अनुरूप किये जाने कहा। मंत्री श्री मरकाम कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आदिम जाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के योजनाओं-कार्यक्रमों के क्रियान्वयन सहित विभागीय गतिविधियों की संभाग स्तरीय समीक्षा के दौरान उक्त निर्देश दिए।

मंत्री श्री मोहन मरकाम ने बस्तर अंचल में वनाधिकार अधिनियम 2006 का पूरी संवेदनशीलता और सजगता के साथ क्रियान्वयन करने पर बल देते हुए पात्र लोगों को व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टे प्रदाय सहित सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन पत्र प्रदान किये जाने कहा। वहीं व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टेधारकों को मनरेगा के तहत हितग्राहीमूलक कार्यों से लाभान्वित कर उनके आर्थिक विकास की दिशा में उल्लेखनीय पहल किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने संविधान के 275 (1) मद के तहत स्वीकृत कार्यों को प्राथमिकता देकर पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये और उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने कहा, ताकि अगली किश्त की राशि की मांग केन्द्र सरकार से किया जा सके। मंत्री श्री मरकाम ने विभाग द्वारा संचालित आश्रम-छात्रावासों सहित अन्य आवासीय विद्यालयों के सुचारू संचालन हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर छात्र-छात्राओं के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए पहल किये जाने के निर्देश दिये। वहीं कन्या आश्रम-छात्रावास और आवासीय विद्यालय में छात्राओं की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था किये जाने कहा।बैठक में विभाग के अपर आयुक्त संजय गौड एवं आरएस भोई सहित डिप्टी कमिश्नर बस्तर संभाग श्रीमती माधुरी सोम, अपर कलेक्टर हरेश मंडावी तथा संभाग के सभी जिलों के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास और परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।

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