साहित्य प्रेम, सौहार्द और एकता की बात करता है- श्रीमती छाया शुक्ला

Spread the love

तुम चलाओ तीर मेरा प्यार बढ़ता जायेगा! दर्द बढ़ता जायेगा, उद्गार बढ़ता जायेगा – छतिश द्विवेदी ‘कुंठित

वाराणसी। ‘उद्गार’ संगठन द्वारा भोजूबीर स्थित स्याही प्रकाशन परिसर में 80 वीं मासिक गोष्टी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व जिला विकास अधिकारी डॉ दयाराम विश्वकर्मा ने एवं संचालन डा. लियाकत अली ने की। यह मासिक कवि गोष्ठी ‘उद्गार’ संगठन की 80 वीं साहित्यिक काव्य गोष्ठी थी। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार और कवयित्री छाया शुक्ला ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर इसका शुभारंभ किया तत्पश्चात कवि सुनील सेठ ने सरस्वती वंदना से काव्य पाठ की शुरुआत की। काव्य पाठ से पहले कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का स्वागत ‘उद्गार’ संस्था के संस्थापक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ ने किया। और अपनी शानदार रचना सभी को संदेश करते हुए पढ़ा-‘‘तुम चलाओ तीर मेरा प्यार बढ़ता जायेगा! दर्द बढ़ता जायेगा, उद्गार बढ़ता जायेगा!’’ मुख्य अतिथि श्रीमती छाया शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य प्रेम, सौहार्द और एकता की बात करता है।

कार्यक्रम में वरिष्ठ कवित्री सीबी मंगाई, श्रीमती संध्या श्रीवास्तव, श्रीमती झरना मुखर्जी, श्रीमती पुष्पा सिंह, श्रीमती बीना राय, श्रीमती माधुरी मिश्रा, नवोदित कवयित्री  खुशी मिश्रा ने काव्य पाठ किया। खुशी मिश्रा ने महाभारत के कालखंड को वीर रस में प्रस्तुत किया तो सबको नारियों में एक अद्भुत शक्ति दिखाई पड़ी। वहीं कविगणों में जय शंकर सिंह जय, सुख मंगल सिंह, कवि बाबरा, कवि अनपढ़, डॉक्टर बैजनाथ श्रीवास्तव, मोहम्मद खलील अहमद राही, आशिक बनारसी, प्रकाशानंद, दीपक शर्मा, मनोज मिश्रा मनु भी अपने काव्य पाठ से ‘उद्गार’ सभागार को गुंजायमान कर दिया। वहीं प्रेमचंद पथ के संस्थापक राजीव गोंड ने रेडियो के माध्यम से सभी कवियों को प्रसारित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.