अहरौरा मिर्जापुर / प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल प्रपातो के विकास के लिए बजट दे रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन अपनी कमी छूपाने के लिए लिखनिया दरी व चुनादरी जैसे अति मनोरम जल प्रपात पर रोक लगा रखा है । जिसके कारण आए दिन दूर दूर से आने वाले सैलानी निराश होकर जल प्रताप से वापस लौट रहे हैं ।
जब कि कुछ दिन पूर्व में ही लिखनिया दरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वीकृत किया गया है ।लेकिन प्रशासनिक रोक के चलते विकास कार्य बाधित है । लिखनिया दरी एवं चूना दरी जल प्रपात पहाड़ों और झरनों की हसीन वादियों का संगम है इसका लुप्त हर कोई उठाना चाहता है लेकिन प्रशासनिक रोक सैलानियों की राह में रोड़ा बन रहा है ।
सुरक्षा की विफलता को दर्शाता है प्रशासनिक रोक
लिखनिया दरी व चूनादरी जल प्रपात पर रोक पुलिस प्रशासन की कमजोरी को उजागर कर रहा है जिस स्थान पर डेंजर जोन है उसे चिन्हित करते हुए उसे सुरक्षित किया जाना चाहिए लेकिन पुलिस प्रशासन ने पूरे लिखनिया भ्रमण पर ही रोक लगा दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गहरे कुंड के सुरक्षा के इंतजाम कर उसे लोहे के तार से घेराबंदी किया जाए तो उसमें सैलानियों के साथ हो रहे दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा सैकड़ों फीट उचाई पर स्थित पहाड़ों की शिखर से गिरते हुए झरने की ध्वनि चट्टानों से टकराकर चलता हुआ पानी चारों ओर हरियाली एवं झरने में दूध जैसी सफेदी देखकर हर व्यक्ति का मन मोहित हो जाता है ।
प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए सबसे खूबसूरत नजारों में से एक लिखनिया दरी एवं चूना दरी जल प्रपात है ।
यहां आने वाले पर्यटको की कुछ मिनट तक निगाहें थम सी जाती है ।
सब कुछ भूल सैलानी मौज मस्ती में लीन हो जाता है और शांति एवं सुकून महसूस करता है ।
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी महोदया का ध्यान आकर्षित करते हुए लिखनिया दरी पर्यटन स्थल को खोले जाने की मांग किया है ।