*मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा- आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है*
*आदिवासियों के सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने किया गया*
*राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन*
*राज्योत्सव के ‘‘मेला, प्रदर्शनी व फूड जोन‘‘ की आयोजन अवधि रविवार तक बढ़ाने की घोषणा*
*राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव का समापन*
रायपुर,/ झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल राज्य में ऐसे वर्ग को आगे बढ़ा रहे हैं जिनका सदियों से शोषण हुआ है। उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। मुझे इस मंच में आकर गौरव महसूस हो रहा है। श्री हेमंत सोरेन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे।
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में इतनी समानता है कि दोनों राज्यों के कई ऐसे क्षेत्र है। जहां पता लगाना मुश्किल है कि यह क्षेत्र दोनों राज्यों में से किस राज्य का है। वास्तव में झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों भाई है। दोनों राज्य के लोगों के राज्यों के लोगों का एक-दूसरे के राज्य में आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से पूरे देश और दुनिया में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जो सदियों से संघर्ष कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है। इसे सहेज कर और इसकी खूबसूरती को बड़े फलक पर दिखाने के उद्देश्य से हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की। रात बारह बजे तक लोग इस सुंदर आयोजन को देखने बड़ी संख्या में जुटते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टाल भी लगाए। इनमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी, उससे पता लगता है कि हमारी आदिवासी कला को जानने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं और यह कितनी समृद्ध लोककला है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम 22 साल से स्थापना दिवस मना रहे हैं। अब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी मना रहे हैं। इससे हमारी खुशी दोगुनी हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिरकत करने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के प्रति भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन के साथ ही हम प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन भी कर रहे हैं। इसमें 20 लाख प्रतिभागियों ने अब तक हिस्सा लिया है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल हैं। 70 साल की बुजुर्ग महिलाएं भी फुगड़ी खेल रही हैं। सबको बचपन की यादें ताजा हो गई हैं। इन खेलों से मोबाइल से ध्यान हटा, यह भी बड़ी बात है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘‘बिहनिया‘‘ के नए अंक का विमोचन किया।
*फसल कटाई की श्रेणी में पहला स्थान* छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पुरस्कार भी इस अवसर पर दिये गये। फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार असम को दिया गया।
*विवाह संस्कार में पहला स्थान सिक्किम को-* विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम के तमांग सेलो नृत्य को, दूसरा स्थान ओडिशा के घुड़सा नृत्य को और तीसरा स्थान झारखंड के डमकच नृत्य को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम को और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार गुजरात के सिद्धी धमाल नृत्य को दिया गया।
*कृषि विभाग की प्रदर्शनी को पहला स्थान-* इस मौके पर विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी पुरस्कृत की गई। पहला स्थान कृषि विभाग को, दूसरा स्थान ऊर्जा विभाग को और तीसरा स्थान वन विभाग को मिला। सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में पहला पुरस्कार बाल्को, दूसरा पुरस्कार एनएमडीसी तथा तीसरा पुरस्कार एनटीपीसी को मिला।