*मिलेट को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश का सर्वश्रेष्ठ उदीयमान राज्य*
*राज्य के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि*
*मुख्यमंत्री ने मिलेट उत्पादक कृषकों और कृषि विभाग के मैदानी अमले को दी बधाई*
रायपुर,/छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर एक और पुरस्कार से नवाजा गया है। हैदराबाद में भारत सरकार के आईआईएमआर द्वारा आयोजित पोषक अनाज अवार्ड 2022 में तेलंगाना के कृषि मंत्री श्री एस. निरंजन रेड्डी ने मिलेट को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ उदीयमान राज्य के रूप में पुरस्कृत एवं सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक श्री एस.एस. बजाज ने प्राप्त किया। समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और राज्य में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों को भी सराहा गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार एवं सम्मान मिलने पर प्रसन्नता जताई है और राज्य के कोदो, कुटकी, रागी (मिलेट) उत्पादक कृषकों, मिलेट मिशन से जुड़े अधिकारियों, कृषि विभाग के मैदानी अमले को बधाई दी है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री की ही पहल पर कोदो, कुटकी और रागी की राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है और इसके उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता भी दी जा रही है। छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर 3000 प्रति क्विंटल की दर से तथा रागी की खरीदी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की गई।
मुख्यमंत्री के मंशानुरूप कोदो, कुटकी और रागी की खेती को राज्य में लगातार विस्तारित किया जा रहा है, जिसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर हो गया है। मिलेट की खेती को प्रोत्साहन, किसानों को प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन की शुरूआत भी 10 जनवरी 2022 से की गई है। राज्य के 14 जिलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के अंतर्गत कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कबीरधाम, नारायणपुर, जशपुर, बीजापुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिलों में कलस्टर एप्रोज से इसकी खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आईआईएमआर हैदराबाद ने राज्य में मिलेट की खेती के लिए बेहतर बीज, तकनीक और कृषकों के प्रशिक्षण में सहयोग दिया है। छत्तीसगढ़ के 14 चयनित जिलों में मिलेट सलाहकार की भी नियुक्तियां की जा रही है। मिलेट मिशन के तहत राज्य में बीते सीजन में 46 हजार क्विंटल कोदो, 2800 क्विंटल कुटकी और 5811 क्विंटल रागी का उपार्जन भी समर्थन मूल्य पर हुआ है। कांकेर जिले में मिलेट आधारित एकीकृत संयंत्र की स्थापना 5.5 करोड़ रूपए की लागत से अवनि आयुर्वेदा प्राईवेट लिमिटेड कर रहा है, जिसकी प्रसंस्करण क्षमता 5 हजार मेट्रिक टन है। इससे मिलेट को प्रोत्साहन और स्थानीय युवाओं को रोजगार सुलभ होगा।