चन्दौली/ माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जनपद चन्दौली मे सुबह 10-00 बजे से सदर तहसील सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्दौली सुनील कुमार चतुर्थ के द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके शुभारम्भ किया गया।
राकेश धर दुबे प्रधान न्यायाधीश / परिवार न्यायालय, नरेन्द्र कुमार झा पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, डा० (श्रीमती) जया पाठक अपर जनपद न्यायाधीश चन्दौली कक्ष सं० 2, राजेन्द्र प्रसाद अपर जनपद न्यायाधीश/ विशेष पाक्सो एक्ट, विनय कुमार तृतीय अपर जनपद न्यायाधीश चन्दौली कक्ष सं० 1 , ज्ञान प्रकाश शुक्ल अपर जनपद न्यायाधीश/ पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्दौली, श्यामबाबू, अपर जनपद न्यायाधीश/एफ0 टी० सी० प्रथम, योगेश नारायण सिह, अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत चन्दौली, दीपक कुमार मिश्र, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चन्दौली, संदीप कुमार,सिविल जज (सीनियर डिवीजन) चन्दौली, विकास कुमार वर्मा सिविल जज (सीनियर डिवीजन/एफटीसी)/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत, सुश्री इन्दुरानी न्यायिक मजिस्ट्रेट, रोहित पुरी सिविल जज (जूनियर डिवीजन) चकिया चन्दौली, सुश्री माधुरी यादव, सिविल जज (जू०डि०)/एफ०टी०सी० प्रथम, सुश्री नूतन, सिविल जज (जू०डि०)/एफ०टी०सी० द्वितीय चन्दौली, अम्रतांशु राज अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन), चकिया चन्दौली, सिविल बार एसोसिएशन, चन्दौली के अध्यक्ष व महामंत्री चन्द्रभानु सिंह तथा अनिल कुमार सिंह एवं डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन, चन्दौली के अध्यक्ष व महामंत्री जय प्रकाश सिंह तथा राजबहादुर सिंह व अन्य अधिवक्ता बैंक कर्मी बैंक अधिकारीगण व वादी प्रतिवादीगण उपस्थित थे। जनपद न्यायालयों द्वारा निम्नलिखित वादों का निस्तारण किया गया।
जनपद न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ द्वारा कुल 08 इजरा वादों का निस्तारण किया गया ।
पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चन्दौली नरेन्द्र कुमार झा, द्वारा कुल 06 एम.ए.सी.टी. वादों का निस्तारण कर रूपये 1880000/- का समझौता राशि दिया गया। प्रधान न्यायाधीश / परिवार न्यायालय राकेश धर दुबे द्वारा, कुल 38 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 13 जोड़े साथ भेजे गये तथा समझौता राशि रूपया 2947000 /- दिया गया। अपर जनपद न्यायाधीश चन्दौली डा० (श्रीमती) जया पाठक, द्वारा कुल 08 वादों का निस्तारण किया गया। राजेन्द्र प्रसाद, अपर जनपद न्यायाधीश/ विशेष पाक्सो एक्ट द्वारा कुल 09 विद्युत वादों तथा 01 क्रिमिनल वाद निस्तारित कर रूपया 500 /- जुर्माना वसूल किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश/ एफ० टी० सी० प्रथम, श्री श्यामबाबू द्वारा कुल वादों 07 वादों का निस्तारण किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक कुमार मिश्रा, द्वारा कुल 40 फौजदारी वाद का निस्तारण कर रुपया 21200/ -जुर्माना वसूल किया गया एवं कुल 473 ई-चलान वाद का निस्तारण कर रुपया 333800 /- जुर्माना वसूल किया गया। सिविल जज (सीनियर डिविजन) संदीप कुमार द्वारा कुल 1341 फौजदारी वाद का निस्तारण कर रुपया 304800 / -जुर्माना वसूल किया गया एवं कुल 151 ई-चालान वाद का निस्तारण कर रुपया 47360 /- जुर्माना वसूल किया गया। तथा 21 उत्तराधिकार वादों का निस्तारण कर रुपया 6710413 /- का उत्तराधिकार प्रमाण जारी किया। सिविल जज (सीनियर डिवीजन/एफ.टी.सी.) विकास वर्मा द्वारा कुल 02 सिविल वाद एवं कुल 1998 ई-चालान वादों का निस्तारण कर रुपया 210300 /- जुर्माना वसूल किया गया । न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री इन्दुरानी, द्वारा 15 वादों का निस्तारण कर रु० 5000 /- जुर्माना वसूल किया गया एवं कुल 1867 ई-चलान वाद का निस्तारण कर रुपया 19500 /- जुर्माना वसूल किया गया सिविल जज (जू०डि०)/एफ०टी०सी० प्रथम सुश्री माधुरी यादव, द्वारा कुल 951 वादों का निस्तारण कर कुल रुपया 13300 /- जुर्माना वसूल किया गया|
सिविल जज (जू0 डि0)/ एफ०टी०सी० द्वितीय चन्दौली,सुश्री नूतन द्वारा कुल 693 वादों का निस्तारण कर रुपया 2000/- जुर्माना वसूल किया गया | अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) चकिया अम्रतांशु राज द्वारा कुल 703 वादों का निस्तारण कर रुपया 108000 /- जुर्माना वसूल किया गया। उपरोक्तानुसार जनपद न्यायालयों द्वारा कुल 10714 मुकदमों का निस्तारण किया गया। सभी बैंकों द्वारा कुल 543 ऋण खातों का निस्तारण कर रूपया 50869000/ – का समझौता किया गया एवं रूपया 25144000 / नकद वसूला गया । जनपद के सभी राजस्व न्यायालयों द्वारा कुल 61723 मामलों का निस्तारण किया गया।उक्त सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव ज्ञानप्रकाश शुक्ल द्वारा दी गयी।
उपरोक्तानुसार जनपद न्यायालयों द्वारा वसूल किये गये अर्थदण्ड की धनराशि रूपया1040260 /-तथा दिलाये गये उत्तराधिकार प्रमाण की धनराशि रु 6710413 /- है, तथा उक्त समस्त न्यायालयों द्वारा निस्तारित किये गये कुल मुकदमों की संख्या 72980 है।