एक्युप्रेशर शोध प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

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प्रयागराज। [ मनोज पांडेय ] मंत्री, जल शक्ति विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, उ०प्र० डाॅ महेन्द्र सिंह सोमवार को छतनाग गंगा घाट में आयोजित सरस्वती आश्रम एक्युप्रेशर शोध प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन एवं एडवांस प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। मंत्री ने श्रद्धेय माता प्रसाद खेमका की मूर्ति का अनावरण किया व श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि गंगा के दर्शन मात्र से ही मुक्ति हो जाती है। गंगा के तट पर अगर यह संस्थान स्थित न होता तो, यहां पर अविरलता, स्वच्छता, निर्मलता, पारदर्शिता, समर्पण, सेवा, त्याग एवं बलिदान की भावना आ नहीं सकती थी। एक्युप्रेशर से जो इलाज होगा, उसका एलोपैथ उतनी पहुंच नहीं पाया है तथा जो भी व्यक्ति त्याग, सेवा और समर्पण के भाव से करता है, उसका कल्याण निश्चित ही होता है। उन्होंने एक्युपेशर के बारे में बताते हुए कहा कि पहले के व्यक्ति या घरों की महिलाओं को इतना कार्य करना पड़ता था कि एक्युप्रेशर की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती थी।
महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुझे एक बार माइग्रेन की समस्या हुई थी, जिसका इलाज इनके हाथो के द्वारा किया गया, चलती फिरती दुनिया में बहुत से ऐसी बीमारी है, जिसका एक्युप्रेशर के द्वारा आसानी से इलाज सम्भव है। इसके लिए मन में धैर्य और संतोष लेकर करे तो निश्चित ही ठीक होगा। मंत्री के बारे में कहा कि जब से उन्होंने ये विभाग सम्भाला है तब से ऐसा कर दिखाया है कि जल ही जीवन है। मंत्री एवं महापौर के साथ-साथ समन्वयकगणों ने विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया तथा जो व्यक्ति कोरोना काल में भी रेगुलर अपना योगदान दे रहे थे, उन्हें प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में गंगापार अध्यक्ष अश्वनी द्विवेदी, ब्लाकप्रमुख तथा पार्षद के साथ-साथ एक्वाप्रेशर संस्थान के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।Attachments area

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