बेगूसराय। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार, बरौनी रिफ़ाइनरी में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अंतर्गत दिनांक 21 जून 2024 को योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्थित जुबली हॉल में किया गया। योग विशेषज्ञ, बिहार स्कूल ऑफ योग, मुंगेर, राजीव रंजन और Team ने सामान्य योग अभ्यासक्रम के तहत योग कार्यक्रम का आयोजन किया। श्री सत्य प्रकाश, कार्यकारी निदेशक एवं रिफ़ाइनरी प्रमुख, बरौनी रिफ़ाइनरी ने जी आर के मूर्ति, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), डॉ प्रशांत राऊत, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), एस. जी. वेंकटेश, मुख्य महाप्रबंधक (टीएस एवं एचएसई), सुब्रत कुमार सरकार, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), महाप्रबंधकगण, बीटीएमयू और आईओओए के प्रतिनिधियों की उपस्थिती में कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए सत्य प्रकाश, कार्यकारी निदेशक एवं रिफ़ाइनरी प्रमुख ने कहा योग हमारे भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह आध्यात्मिक अनुशासन एवं अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है जो शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वस्थ जीवन की कला और विज्ञान है। यह मानव जाति को एक शृंखला में बांधने का एक सुंदर प्रयास है। योग हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। हम योग को एक अनुशासन की तरह अपनाएंगे तो हमारा शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ होंगे। इससे जीवन में प्रसन्नता आएगी और जीवन के चुनौतियों का हम बेहतर तरीके के सामना कर पाएंगे। स्वस्थ होने पर ही हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे और जीवन में भी खुशनुमा वातावरण होगा।
इस वर्ष का योग दिवस का थीम, “स्वयं और समाज के लिए योग”है, जिसका अर्थ है “योग एक प्रक्रिया है जो व्यक्ति के व्यक्तिगत स्वास्थ्य और विकास के साथ-साथ समाज के समृद्धि और प्रगति के लिए भी लाभकारी होता है।”
जब व्यक्ति अपने स्वयं का समर्पण करता है और योग के माध्यम से अपने विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, तो उसे स्वास्थ्य, स्थिरता और आत्मविश्वास मिलता है। इसके परिणामस्वरूप, वह समाज में भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सक्षम होता है और समाज के साथ संवाद करने और सहयोग करने की क्षमता विकसित करता है।
इस प्रकार, योग स्वयं के और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण साधना हो सकता है जो व्यक्ति के सामाजिक और पर्यावरण में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है। योग विशेषज्ञ राजीव रंजन ने 300 से अधिक कर्मचारियों, गृहणियों एवं बच्चों को योग अभ्यासक्रम में प्राणायाम, कपालभाती, नाड़ीसोधन, अनुलोमविलोम, भ्रमरी, कमर और पीठ को सुदृढ़ करने हेतु विभिन्न आसान करवाया।