सोनभद्र, सिंगरौली। एनटीपीसी विंध्याचल मे नवम्बर माह में कोर वैल्यूज़ उत्सव के अंतर्गत, क्षेत्रीय ज्ञानार्जन संस्थान में नवाचार और शिक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया। इस सत्र का उद्घाटन संजीब कुमार साहा, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) ने किया, जिन्होंने कहा कि एनटीपीसी विंध्याचल विभिन्न भूमिकाओं और कार्यों में नवाचार की अपार क्षमता से भरा हुआ है। उन्होंने इस ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर परिवर्तनकारी परिणाम प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया।
इन विचारों का समर्थन करते हुए, राजशेखर पाला, महाप्रबंधक (प्रचालन) ने इस सत्र के प्रभाव को स्वीकार किया और एनटीपीसी विंध्याचल की निरंतर सुधार की प्रतिबद्धता को उजागर किया।
नवंबर महीने के कोर वैल्यू चैंपियन, सुमन कुमार सिंह, अपर महाप्रबंधक (प्रचालन) ने सत्र की सराहना की और इसे नवाचार पर आधारित एक मूल्य-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में सहायक बताया। उन्होंने इस तरह की पहलों की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि कर्मचारियों को नवाचार की प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
कार्यशाला का संचालन श्री राघवेंद्र प्रसाद, अपर महाप्रबंधक (आरएलआई) ने प्रतिभागियों को नवाचार प्रक्रिया के प्रमुख पहलुओं से परिचित कराया, जिनमें डिज़ाइन थिंकिंग, रचनात्मक इन्फोस्फेयर को बढ़ावा देना और विचारों को क्रियाशील परिणामों में बदलना शामिल हैं।
सभी प्रतिभागियों ने नवाचार को सफलता की दिशा में अपनाने के प्रति अपनी उत्सुकता व्यक्त की। सत्र में यह स्पष्ट किया गया कि हालांकि चुनौतियाँ और विफलताएँ सामने आ सकती हैं, लेकिन विचारों को उत्पन्न करने और कार्यान्वयन में लगातार प्रयास अंततः सफलता की ओर ले जाते हैं। विभिन्न विभागों से आए 48 कर्मचारियों ने इस सत्र में भाग लिया और इसे प्रेरणादायक पाया, जिससे वे एनटीपीसी विंध्याचल के नवाचार यात्रा में योगदान देने के लिए प्रेरित हुए।
यह केंद्रित पहल एनटीपीसी विंध्याचल के मिशन को सुदृढ़ करती है, जो इसके संचालन में कोर वैल्यूज़ को समाहित करने के साथ-साथ नवाचार और शिक्षा को संगठनात्मक रणनीतिक लक्ष्यों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। रचनात्मकता और निरंतर शिक्षा के महत्व को उजागर करते हुए, एनटीपीसी विंध्याचल एक समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।