आईआईटी बीएचयू में गैंगरेप पीड़िता के बलात्कारियों को 60 दिन से कौन बचा रहा था

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 सवाल उठाते हुए छात्रों और नागरिक समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया

आरोपियों के बीजेपी पदाधिकारी होने और पीएम सीएम के साथ फोटो देखकर जनता हुई आक्रोशित, बनारस के लोगो ने स्पष्टीकरण की मांग की।

वाराणसी/ 1 जनवरी 2024 को बीएचयू गेट पर साझा संस्कृति मंच के सदस्यों के साथ भारी संख्या में BHU छात्र छात्रा प्रदर्शन किए। आईआईटी बीएचयू में गैंगरेप पीड़िता के बलात्कारियों को 60 दिन से कौन बचाए हुए थे सवाल उठाते हुए छात्रों और नागरिक समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। 

ज्ञातव्य है कि विगत 1 नवंबर की रात आईआईटी बीएचयू परिसर में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया गया। दो महीने बाद 31 दिसंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये आरोपी भाजपा के पदाधिकारी हैं। इनकी पहुँच पार्टी के शीर्ष नेताओं तक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ इन आरोपियों की तस्वीरें उपलब्ध हैं।

यह कोई पहली घटना नहीं जब अपराधी या बलात्कारी का संबंध भाजपा से है। भाजपा और आरएसएस जैसे संगठनों ने देश में राजनीतिक स्तर को इतना नीचे गिरा दिया है कि अपराधी होना इन संगठनों में प्रोमोशन की आवश्यक शर्त बन चुकी है। कठुआ, उन्नाव, सोनभद्र से लेकर हाथरस तक हुए बलात्कर की घटनाओं में बीजेपी नेता या तो संलिप्त मिले या फिर अपराधियों के साथ खड़े पाए गए। मणिपुर में सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कर होता रहा लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी नहीं टूटी। महिला पहलवान पिछले एक साल से न्याय की माँग कर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। बिल्किस बानो के बलात्कारियों को पहले जेल से रिहा कराना और फिर उनका फूल माला से स्वागत, भाजपा के असली चाल चरित्र चेहरे को उजागर करता है। 

सरकार द्वारा की जाने वाली नकारात्मक कार्यवाहियों के कारण भाजपा नेताओं में ऐसे अपराध करने की प्रवृत्ति विकसित होती जा रही हैं। सरकार द्वारा लगातार ऐसे अपराधियों का मनोबल बढ़ाया जा रहा है। भाजपा ने ही सोशल मीडिया ट्रोलिंग की संस्कृति विकसित जहाँ महिला विरोधी गाली गलौच करना इनके कार्यकर्ताओं की दिनचर्या का हिस्सा हो गया। बीएचयू गैंगरेप मामले में ही अपराधियों पर कार्यवाही के बजाय पीड़िता को न्याय दिलाने की माँग करने वाले छात्र छात्राओं पर झूठे मुकदमें लादे गए। एबीवीपी को प्रदर्शनकारी छात्र छात्राओं पर हमले की खुली छुट दे दी गयी। पूरा पुलिस महकमा और प्रशासन हमलावर एबीवीपी के साथ खड़ा दिखा। 

एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है दूसरी तरफ पढाई करने आई बेटियां अपने ही कैंपस में सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पहले स्थान पर है। एनसीआरबी, 2023 के आंकड़ों के अनुसार बनारस में हर छठवें दिन बलात्कार की घटना हो रही है। इन आंकड़ो के अनुसार ही बनारस में 18 वर्ष से कम उम्र के 46 बच्चे बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हुई वहीं महिलाओं के साथ रेप के 61 मामले आए हैं। 

बीएचयू परिसर में इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा पुलिस की तैनाती और छात्राओं पर कर्फ्यू टाइमिंग थोपकर उन्हें हॉस्टल में कैद करने की कवायद शुरू हो गयी है। जबकि एनसीआरबी के आंकड़ें इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जो इलाके पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में हैं वहाँ छेड़खानी, बलात्कार जैसे अपराध बढ़ ही रहे हैं। एक लंबे समय से बीएचयू में विशाखा गाइडलाइंस को लागू कर GSCASH के गठन की माँग चल रही है जिसे प्रशासन द्वारा नजरंदाज किया जाता रहा है। 

बीएचयू गैंगरेप की पीड़िता को न्याय दिलाने और अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही की माँग को लेकर आज साझा संस्कृति मंच द्वारा बीएचयू के लंका गेट पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसमें साझा संस्कृति मंच के आह्वान पर बनारस के नागरिक समाज के लोग और छात्र छात्राएं शामिल हुए। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से, जागृति,संजीव सिंह,राणा रोहित, फादर आनंद,महेंद्र राठौर,धनंजय त्रिपाठी रोशन ,राजीव नयन,पाटिल, मुरारी, अमन, दीपक,जितेंद्र,चंदा ,सतीश सिंह ,विपिन कुमार,जितेंद्र कुमार,निधि, रेनी, नीति ,आदित्य सेठ,स्वेता,अनुरीति,सोनाली,मिहिर,अमन,कुलदीप,अमन यादव,हरिशचंद्र बिंद,राहुल , प्रियदर्शन, मीना,प्रिया, तौफीक नदीम,अदिति ,सानिया,शिवराज,शशि इत्यादि शामिल रहे।

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