राउरकेला। विश्वकर्मा पूजा, उस दिव्य वास्तुकार की पूजा जिसने रथ और हथियार बनाए और कई शहरों का निर्माण किया, उनकी पूजा 16 सितंबर को राउरकेला स्टील प्लांट में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भगवान विश्वकर्मा की शानदार ढंग से तैयार की गई मूर्तियों को अलंकृत पूजा पंडालों में सजाकर भक्तों में भक्ति और श्रद्धा की भावना जगाई गई। उल्लेखनीय है कि उत्साही कर्मचारियों द्वारा स्टील प्लांट के अंदर 100 से अधिक पंडाल बनाए गए थे।
सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आर.एस.पी.) के निदेशक प्रभारी, अतनु भौमिक के साथ कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (वर्क्स), एस आर सूर्यवंशी, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) तथा अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), तरुण मिश्र, कार्यपालक निदेशक (खान), आलोक वर्मा, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं प्रशासन), ए.के.बेहुरिया, मुख्य महा प्रबंधक प्रभारी (आयरन) तथा कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (वर्क्स), बी.पलाई, मुख्य महा प्रबंधक प्रभारी (सामग्री प्रबंधन), अनिल कुमार, मुख्य महा प्रबंधक प्रभारी (एम.एंड एच.एस.), डॉ. जयंत आचार्य तथा संयंत्र के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्पात संयंत्र के अंदर कई पूजा पंडालों का दौरा किया। कर्मचारियों से बातचीत करते हुए श्री भौमिक ने उनके उत्साह के साथ-साथ उनकी रचनात्मक और अभिनव भावना की प्रशंसा की।
बाद में डी.आई.सी. अन्य गण्यमान्यों के साथ दीपिका हस्त करघा गए, जो आर.एस.पी. द्वारा स्थापित तथा दीपिका महिला संघ द्वारा प्रबंधित हथकरघा केंद्र है। इस अवसर पर संघ की अध्यक्षा, श्रीमती सीमा देब भौमिक तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं के निवास के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को रचनात्मकता, सरलता और उद्योग के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। राउरकेला स्टील प्लांट जैसे प्रौद्योगिकी केंद्रित उद्योग में इस उत्सव का विशेष महत्व है।