फर्जी यूपीआई ऐप्स से हो रही ठगी की घटनाएं बढ़ीं
चंदौली। तहसील नौगढ़ में शातिर ठगों ने फर्जी यूपीआई ऐप्स के जरिए दुकानदारों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। हाल ही में दो घटनाओं ने इस खतरे की गंभीरता को उजागर किया। जूता-चप्पल के दुकानदार बेचन केसरी को ₹1950 और कपड़े के दुकानदार राधे केसरी को ₹4000 का नुकसान उठाना पड़ा। ये गिरोह नकली ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जो Google Pay और PhonePe जैसे दिखते हैं, और झूठे पेमेंट स्क्रीनशॉट बनाकर ठगी को अंजाम देते हैं।
*फ्रॉड का तरीका कैसे काम करता है?*
1. दुकानदार की जानकारी इकट्ठा करते हैं: ठग क्यूआर कोड स्कैन कर आपकी दुकान का नाम और जानकारी ले लेते हैं।
2. फर्जी ऐप्स का इस्तेमाल: ये ठग असली ऐप्स की हूबहू कॉपी बनाए गए नकली ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।
3. पेमेंट का नकली स्क्रीनशॉट: इन ऐप्स से एक फर्जी स्क्रीनशॉट तैयार किया जाता है, जो वास्तविक पेमेंट की तरह दिखता है।
4. भरोसा जीतकर सामान ले जाते हैं: दुकानदार को लगता है कि पेमेंट हो गया है और वे सामान दे देते हैं।
*सीसीटीवी ने पकड़ी है ठगों की हरकत*
इस गिरोह से जुड़े दो बाइक सवारों की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं। ये दोनों घटना के बाद तेजी से बाइक पर भागते नजर आए। हालांकि, अब तक इनकी पहचान नहीं हो सकी है।
*सावधानी बरतने के लिए जरूरी सुझाव*
1- यूपीआई पेमेंट की पुष्टि के लिए साउंड बॉक्स लगाएं। यह पेमेंट होते ही आवाज के जरिए सूचना देता है।
2. बैंक से ट्रांजैक्शन कन्फर्म करें: हर पेमेंट का विवरण अपने बैंक ऐप या एसएमएस के जरिए चेक करें।
3 -पेमेंट स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें: ग्राहक द्वारा दिखाए गए किसी भी स्क्रीनशॉट को अंतिम प्रमाण न मानें।
4-दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगाएं: दुकान में हर कोण से नजर रखने के लिए कैमरे लगाएं। यह न केवल ठगों की पहचान करने में मदद करेगा बल्कि अपराध को रोकने का माध्यम भी बनेगा।
5- संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत पुलिस को सूचित करें: कोई भी अजीब या संदिग्ध हरकत दिखाई देने पर 112 या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
*फेक ऐप्स से बचने के उपाय*
रियल यूपीआई ऐप्स पहचानें: असली Google Pay, PhonePe या अन्य यूपीआई ऐप्स में सुरक्षा फीचर्स होते हैं, जैसे वेरिफिकेशन चेक।
ऐप्स की जांच करें: ऐप्स को हमेशा आधिकारिक स्टोर (Google Play Store या Apple App Store) से डाउनलोड करें।
शिक्षित रहें: सभी कर्मचारियों और सहकर्मियों को फेक ऐप्स के बारे में जानकारी दें।
*ठगी का बढ़ता खतरा: सभी सतर्क रहें*
डिजिटल पेमेंट्स ने लेनदेन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी बढ़ गए हैं। ठग लगातार नए तरीके अपना रहे हैं। दुकानदारों को सतर्क रहकर हर ट्रांजैक्शन की पुष्टि करनी होगी। अगर आप भी किसी ठगी का शिकार हुए हैं तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें और अपने बैंक को सूचित करें। सतर्कता और जागरूकता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है।