पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश में आपातकाल लागू करने जैसे सख्त फैसले लेने के लिए आज भी याद किया जाता है। तस्वीरों से जुड़ा वाकया आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव का है। तब सोनभद्र मिर्जापुर का ही हिस्सा था।
इंदिरा गांधी ने देश में अपने खिलाफ चल रही लहर को भाप लिया था। इस कारण चुनाव में लोगों से जुड़ने का यह कोई मौका नहीं छोड़ती थीं। वर्ष 1977 के चुनाव से पहले वह प्रचार के लिए मिर्जापुर आई थीं।
पंडित कमलापति त्रिपाठी ने सोनभद्र के जमगांव में अपने करीबी बाबू गौरीशंकर सिंह के बारे में उनसे जिक्र किया। जनसंघ के बड़े नेता राजा बड़हर भी इसी क्षेत्र से थे। इंदिरा गांधी मौका भांपते हुए मिर्जापुर से कार से जमगांव के लिए निकल पड़ीं।
बाबू गौरीशंकर के पुत्र राजीव कुमार सिंह उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि तब वह 16 वर्ष के थे। इंदिरा गांधी की एक झलक पाने के लिए लोग उमड़ पड़े थे। बड़ी संख्या में महिलाएं उनसे मिलने पहुंची थीं। पिताजी ने सभी महिलाओं को सबसे आगे कतार में खड़ा कराया।
इंदिरा जब आई तो वह प्रोटोकॉल तोड़ते हुए महिलाओं के बीच जाकर बैठ गई। सबका कुशल क्षेम पूछा और उनके साध् तस्वीरें भी खिंचवाई। इस दौरान उन्होंने बच्यों को गोद में उठाया। उसके बाद चाय पीते हुए अंदर घर के आंगन में पहुंच गईं।
घर में मिर्च के अचार बनाने की तैयारी चल रही थी। आंगन महिलाओं के बीच आकर बैठ गई। उन्हें देखते ही अचार बना रहीं परिवार की महिलाएं घबरा गई। उन्हें रोकते हुए इंदिरा जी ने कि मैं भी फ्लैश घरेलू महिला और मेरे यहां भी यह सब होता है।
उनसे अचार बनाने की विधि पूछने लगीं। कौन से मसाले डाले जाते हैं वगैरह। खुद भी मिर्च में मसाला भरकर अचार बनाया। उनका कार्यक्रम महज 15 मिनट का था, लेकिन उन्होंने यहां डेढ़ घंटे का समय मिनट का बिताया।