लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने शनिवार को विधानसभा एवम् विधानपरिषद में उ0 प्र0 लिफ्ट एंड एस्केलेटर विधेयक -2024 को प्रस्तुत किया, जिसे चर्चा के पश्चात दोनों सदनों में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
नगर विकास मंत्री श्री शर्मा ने विधेयक को विधान सभा में प्रस्तुत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी तक लिफ्ट एंड एस्केलेटर के उपयोग, सावधानियां, निगरानी, रजिस्ट्रेशन व रेगुलेट करने संबंधी कोई अधिनियम नहीं था। देश के कुछ राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में लिफ्ट एस्केलेटर के संबंध में उनके अधिनियम हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। विगत वर्ष नोएडा में लिफ्ट में घटित हुई एक दुर्घटना की ओर पिछले सदन में ही सदस्य योगेंद्र सिंह और पंकज सिंह ने सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया था। उसी समय से इस अधिनियम को प्रदेश में भी लागू करने के प्रति कदम आगे बढ़ाया गया और यह अधिनियम आज सदन के समझ प्रस्तुत किया जा सका।
मंत्री श्री . शर्मा ने इस अधिनियम के नियम व शर्तों की जानकारी देते हुए सदन को बताया कि इस अधिनियम के दायरे में प्रदेश के सभी निजी और सार्वजनिक दोनों प्रकार के भवनों व परिसरों को लाया गया है। निजी उपयोग में लगवाई गई लिफ्ट में इस अधिनियम की कुछ शर्तों में से ढील दी गई है, लेकिन सार्वजनिक उपयोग में लगाई गई लिफ्ट व एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन, मेंटेनेंस, हादसे के दौरान संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचना देने, हादसे में पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति देने जैसे प्रावधान किए गए हैं। कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत औद्योगिक एरिया या परिसर में लगी लिफ्ट य एस्केलेटर पर इस अधिनियम की शर्तें लागू नहीं होगी, बाकी प्रदेश की सभी निजी व सार्वजनिक भवनों व परिसरों पर लगी लिफ्ट एवम् एस्केलेटर पर इस अधिनियम की शर्तें अनिवार्य रूप से प्रभावी होगी।
श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण व नगरीकरण के कारण जरूरत के मुताबिक बहुमंजिला इमारते, व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाए जा रहे हैं। इन इमारतों का उपयोग करने के लिए लिफ्ट और एक्सलेटर की भी मांग बढ़ी है। बहुमंजिला इमारतों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बहुतायत में लिफ्ट लगाई जा रही हैं और उपयोग भी किया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यकाल के समय में रेलवे स्टेशनो और तीर्थ स्थलों पर भी लिफ्ट व एस्केलेटर लगाकर उपयोग होने लगा है। लिफ्ट व एस्केलेटर का प्रयोग आसक्तजनों के साथ बच्चें, बुजुर्ग,युवा सभी लोग करते हैं। इस व्यवस्था के लागू होने से लिफ्ट संचालक सावधानी बरतेंगे और हादसे भी कम होंगे।