सुरक्षा में सच्चा परिवर्तन तभी प्राप्त किया जा सकता है जब यह एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी बन जाए-अतनु भौमिक

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राउरकेला।सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग में 18 सितंबर, 2024 को ‘सुरक्षा सर्किल’ के प्रभावी कार्यान्वयन’ पर दो दिवसीय अभिविन्यास कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रभारी,  अतनु भौमिक ने जोर देते हुए कहा “सुरक्षा में सच्चा परिवर्तन तभी प्राप्त किया जा सकता है जब यह संगठन के हर स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह एक व्यक्तिगत प्राथमिकता बन जाए” I कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) सह अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएँ),  तरुण मिश्रा, कार्यपालक निदेशक (खान),  आलोक वर्मा, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सामग्री प्रबंधन),  अनिल कुमार और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा), डॉ. जे के आचार्य मंच पर उपस्थित थे। 

उल्लेखनीय है कि, कार्यस्थल सुरक्षा को बढ़ाने और संगठन के भीतर सक्रिय जोखिम प्रबंधन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सेल द्वारा हाल ही में अपनी सभी इकाइयों में सुरक्षा सर्किल की शुरुआत की गई है, जिसमें सभी स्तरों पर कर्मचारियों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। 

सुरक्षा सर्किल योजना के मुख्य उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए,भौमिक ने कहा, “सुरक्षा सर्किल योजना का मूल उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देना, कर्मचारियों को सशक्त बनाना, जवाबदेही तय  करना, निरंतर सीखने की सुविधा प्रदान करना और पूर्ण सुरक्षा की संस्कृति विकसित करना है।” आरएसपी में ‘सुरक्षा चक्र’ और ‘सुरक्षा सम्राट’ जैसी पिछली सुरक्षा पहलों पर विचार करते हुए, उन्होंने उनकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए उभरते परिदृश्यों के साथ तालमेल रखने के लिए प्रत्येक सुरक्षा हस्तक्षेप को अनुकूलित और पुनर्परिभाषित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “प्रत्येक कर्मचारी में सुरक्षा की भावना पैदा करने से न केवल उत्पादन, उत्पादकता और कार्यस्थल संस्कृति में सुधार होगा, बल्कि संगठन का सम्मान भी बढ़ेगा।“ 

अपने संबोधन में, तरुण मिश्रा ने प्रत्येक कर्मचारी की सुरक्षा प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष-संचालित तंत्र के बजाय उपागम प्रक्रिय के माध्यम से एक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने के महत्व को रेखांकित किया। 

आलोक वर्मा ने सांस्कृतिक परिवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह बदलाव वास्तव में प्रभावी होने के लिए ‘अंदर से आना चाहिए’। 

इससे पहले, मुख्य महाप्रबंधक (एचआर-एलएंडडी),राजश्री बनर्जी ने अपने स्वागत भाषण में कार्यक्रम के महत्व के बारे में बात की। मुख्य महाप्रबंधक  (सुरक्षा और अग्निशमन सेवाएँ), आशा करथा ने धन्यवाद ज्ञापित किया । उद्घाटन सत्र का मंच सञ्चालन प्रबंधक (एचआर-एलएंडडी), सुश्री बिनीता तिर्की ने किया। 

उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय कार्यशाला में कार्यक्रम के लिए क्यूसीएफआई, भिलाई शाखा  द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार की गई विभिन्न प्रमुख विशेषताओं को शामिल किया जाएगा।कार्यशाला के लिए क्यूसीएफआई, भिलाई शाखा के उद्योग विशेषज्ञ  जी पी सिंह और  ए के कपूर सत्र विशेषज्ञ हैं।

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